![रामबाण दवा या भानुमति का पिटारा? रामबाण दवा या भानुमति का पिटारा?](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1723451987/articles/DkU4JugrY1723465659244/1723465946056.jpg)
सर्वोच्च न्यायालय ने सकारात्मक उपायों की रूपरेखा को फिर से परिभाषित करते हुए 1 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई में सात जजों की पीठ ने 6:1 के बहुमत से दिए फैसले में राज्यों को अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के वर्गों के भीतर उपवर्गीकरण करने की इजाजत दे दी. इसका मकसद इन वर्गों के भीतर सबसे पिछड़े समुदायों के बीच आरक्षण के फायदों का ज्यादा न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित करना है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एससी-एसटी की सूचियां एक समान या सजातीय नहीं हैं और इन समुदायों के बीच सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का स्तर अलग-अलग है. अब राज्य एससी के लिए निर्धारित 15 फीसद और एसटी के लिए निर्धारित 7.5 फीसद आरक्षण के भीतर विशिष्ट जातियों के लिए आरक्षण की सीमा तय कर सकते हैं. इस फैसले ने 2004 में ई.वी. चिनैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार मामले में दिया गया सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला उलट दिया जिसमें एससी-एसटी सूचियों को एक समान बताते हुए कहा गया था कि उनमें उपविभाजन नहीं किया जा सकता. यह फैसला इस दलील का समर्थन करता है कि आरक्षण के फायदे सभी जातियों तक बराबर-बराबर नहीं पहुंचे हैं और ज्यादा कमजोर समूहों को आरक्षण के ढांचे में निश्चित हिस्सेदारी की जरूरत है.
कई शोध इस फैसले का समर्थन करते हैं, मगर आलोचक आगाह करते हैं कि सियासी तबका वोट बैंक बनाने के लिए इस फैसले का फायदा उठा सकता है. फैसले पर सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं, चाहे वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में हों या विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) में.
Denne historien er fra August 21, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August 21, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
![तन्हाई में तारों से बातें तन्हाई में तारों से बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/KkYi-s4Uf1739799502351/1739799613388.jpg)
तन्हाई में तारों से बातें
पूर्वा नरेश ने दोस्तोएव्स्की की कहानी व्हाइट नाइट्स के अपने म्यूजिकल रूपांतरण चांदनी रातें में नौटंकी शैली का उपयोग किया
![धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/qNiEvMoj_1739798778622/1739799025940.jpg)
धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी
विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वालीं तीरअंदाज शीतल देवी लोगों की नई पसंद हैं. पुरुष-महिला क्रिकेटर तो खैर शीर्ष पर हैं ही. सिंधु और नीरज भी अपनी सूची में दूसरों से काफी आगे रहते हुए चोटी पर
![पक्ष में सबसे ज्यादा योग पक्ष में सबसे ज्यादा योग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/1KjgoeYER1739797917636/1739798047739.jpg)
पक्ष में सबसे ज्यादा योग
आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
![कुछ तो पक रहा है कुछ तो पक रहा है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LTVA_wBh-1739799397242/1739799499364.jpg)
कुछ तो पक रहा है
अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा ने फिल्म मिसेज में दमदार काम किया है, जो 2021 की मलयालम फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की हिंदी रीमेक है
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![चौकन्ना रहने की जरूरत चौकन्ना रहने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/EZZRCWmXZ1739798370280/1739798495822.jpg)
चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
![हमारे गेहुंएपन का स्वीकार हमारे गेहुंएपन का स्वीकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LlGFceKe51739799217629/1739799396270.jpg)
हमारे गेहुंएपन का स्वीकार
एक मजहब का धर्म रु चुनने की प्रक्रिया के बहाने हमें सहिष्णुता और स्वीकार के सार्वभौमिक धर्म की सीख दे जाती है एडवर्ड बर्गर की कॉन्क्लेव
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![उथल-पुथल का आलम उथल-पुथल का आलम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/R77_jKKQS1739798498314/1739798692561.jpg)
उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर