बूस्टर खुराक की जरूरत
India Today Hindi|August 28, 2024
अगर भारत को अगले दो दशक में उच्च वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में शूमार होना है तो उसे अगले दो दशकों तक 7-8 फीसद की वृद्धि दर को बरकरार रखने के लिए अपनी नजर लक्ष्य पर गड़ाए रखनी होगी, एक पल को भी इधर-उधर देखने की गुंजाइश नहीं
एम. जी. अरुण
बूस्टर खुराक की जरूरत

आम चुनाव से पहले चुनावी रैलियों के अपने कई भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम आर्थिक संभावना की ओर इशारा किया कि भारत उनके तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इसके पहले दो बार मजबूत अर्थव्यवस्था और व्यापार अनुकूल नीतियों के वादे पर भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव जीत चुके मोदी का मानना था कि देश की अर्थव्यवस्था के बारे में चमकदार आंकड़ों की अभी भी लोग चर्चा करते हैं. हालांकि इस चुनाव ने साबित किया कि देश के मतदाता के सामने कई मुद्दे मुंह बाए खड़े हैं, खास तौर पर रोजगार का संकट और ऊंची कीमतें. इसी वजह से भाजपा ने उम्मीद से कम लोकसभा सीटें जीतीं, सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर होना पड़ा. लेकिन इससे मोदी आर्थिक मोर्चे पर देश की प्रगति दिखाने से नहीं रुके या यहां तक कहा कि देश विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है. उन्होंने बजट के बाद 30 जुलाई को उद्योग के शीर्ष लोगों के बीच कहा, "जब भारत स्वाधीनता के 100 साल (2047 में) मनाएगा, तब हम एक विकसित देश होंगे. आज, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा."

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