भारत का कृषि निर्यात 2023-24 में 48.8 अरब डॉलर (4.1 लाख करोड़ रुपए) था जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 फीसद कम है. यह उसके बावजूद था जब कई कृषि जिंसों के निर्यात पर प्रतिबंध थे. वैश्विक कृषि उत्पादों के कारोबार में भारत छोटा खिलाड़ी है (3 फीसद से भी कम हिस्सा) लेकिन अगर वह कृषि, पशुपालन, डेयरी, फिशरीज और बागबानी में भरोसेमंद सरप्लस का उत्पादन कर ले तो उसके लिए विशाल संभावनाएं हैं. जिन उत्पादों में हम वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी हैं, उनके लिए आधुनिक बुनियादी ढांचा बनाना इस लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण होगा. यूपीए सरकार के 10 साल में कृषि निर्यात 2004-05 के 8.7 अरब डॉलर (72,867 करोड़ रुपए) से बढ़कर 2013-14 में 43.3 अरब डॉलर (3.6 लाख करोड़ रुपए) हो गया. तब से ही वृद्धि नरम है, शुरू में इसकी वजह थी कमजोर वैश्विक कीमतें और बाद में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां जिनके कारण सरकार को गेहूं, चावल, चीनी और यहां तक कि प्याज के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने पड़े.
चावल: चावल (10.4 अरब डॉलर या रु. 87, 110 करोड़ रुपए) और समुद्री उत्पादों (7.4 अरब डॉलर या 61,986 करोड़ रुपए) का 2023-24 में कृषि उत्पादों से भारत की निर्यात कमाई में 35 फीसद हिस्सा था. बासमती चावल का निर्यात 52 लाख टन (5.8 अरब डॉलर या 48,580 करोड़ रुपए) रहा. यह न्यूनतम निर्यात कीमत तय किए जाने के बावजूद था. ज्यादातर चावल पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा जाता है. भले ही फसलों में विविधता के प्रयास सफल हो जाएं तो भी चावल उत्पादन और निर्यात घटने की संभावना नहीं है क्योंकि यह किसानों के लिए लाभकारी है और पश्चिम एशिया, यूके तथा अमेरिका में इसकी काफी ज्यादा मांग है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 28, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 28, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.