
हम इतिहास के चौराहे पर खड़े हैं. हॉलीवुड की काउबॉय फिल्मों की शब्दावली में कहें, तो शहर में नया शेरिफ आया है. वह है डोनाल्ड जे. ट्रंप. और यह कोई अदना-सा शहर नहीं है. यह अमेरिका है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और इकलौती महाशक्ति. और उसने बेहतर सौदे हासिल करने के लिए क्या दोस्त क्या दुश्मन, सबकी कनपटी पर बंदूक तान दी है.
वह उस विश्व व्यवस्था को नेस्तनाबूद करने पर आमादा है जिसे अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1945 में बनाया था. वह व्यापार को धारदार औजार बना रहा है. वह दावा कर रहा है कि सहयोगी देशों ने भी अमेरिका का खूब फायदा उठाया है. अपने चरित्र के अनुरूप वह दो एक-दूसरे से उलट भूमिकाओं में खड़ा है. उसने अमेरिका को डब्ल्यूएचओ और पेरिस जलवायु समझौते सरीखे अंतरराष्ट्रीय सांस्थानिक ढांचे से बाहर निकाल लिया है, और मुझे यकीन है कि और भी संस्थाओं से बाहर निकालेगा. उसे अमेरिका के लिए कोई वित्तीय फायदा नजर नहीं आता, तो वह बाहर निकलना चाहता है. दूसरी तरफ, वह किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के सीईओ की तरह बर्ताव कर रहा है, जो कुछेक अधिग्रहण करना चाहता है. वह कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाना और पनामा नहर, ग्रीनलैंड और गज़ा का अधिग्रहण करना चाहता है.
This story is from the March 26, 2025 edition of India Today Hindi.
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ऐशो-आराम की उभरती दुनिया
भारत का लग्जरी बाजार 17 अरब डॉलर (1.48 लाख करोड़ रुपए) का है जिसकी सालाना वृद्धि दर 30 फीसद है.

भारत की प्राचीन बौद्धिक ताकत
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इस सत्र का बेसब्री का इंतजार किया जा रहा था और विलियम डेलरिम्पिल ने निराश भी नहीं किया.

असीम आकाश का सूरज
गए साल गर्मियों में सूर्यकुमार यादव ने बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल मैदान की सीमारेखा पर ऐसा करतब दिखाया जिसने फतह और मायूसी के बीच की बारीक-सी लकीर को बेध दिया.

मौन क्रांति की नींव
भारत लगातार आगे बढ़ रहा है लेकिन यह यात्रा देश के दूरदराज इलाकों बन रहे बुनियादे ढांचे के बिना मुमकिन नहीं हो सकती.

सबके लिए एआइ
टोबी वाल्श आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को समझाने के लिए जिसे मिसाल बनाना पसंद करते हैं, वह है बिजली. यह सब जगह है, दूरदराज के कोनों में भी.

उथल-पुथल के दौर में व्यापार
बराबरी का टैरिफ लगाने की तलवार सिर पर लटकी होने से भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को पक्का करने में कोई वक्त नहीं गंवाया, जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 200 अरब डॉलर (17.4 लाख करोड़ रुपए) से बढ़ाकर दशक के अंत तक 500 अरब डॉलर (43.6 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने का है.

चर्बी से यूं जीतें जंग
चिकित्सा अनुसंधानों से लगातार पता चल रहा है कि मोटापा केवल खूबसूरती का मसला नहीं.

रोबॉट के रास्ते आ रही क्रांति
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव एआइ की शक्ति से संचालित मानवाकार रोबॉट-स्पेसियो-और गार्डियो नाम के साइबर हाउंड्स के लाइव प्रदर्शन का गवाह बना.

देखभाल और विकल्प के बीच संतुलन की दरकार
हाल के सालों में सरगर्म बहस होती रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं का ध्यान जिंदगियां बचाने पर होना चाहिए या जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर.

रूस की पाती
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि रूस यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में नई दिल्ली के कूटनीतिक संतुलन की सराहना करता है.