भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कर्नाटक विधानसभा चुनाव का जनादेश आने से दस दिन पहले ही कांग्रेस के लिए खुशी की एक वजह हिमाचल ने दे दी थी। पांच महीने पहले राज्य की सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी ने नगर निकाय चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। दिसंबर 2022 में राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू की यह पहली चुनावी परीक्षा थी। नगर निकाय चुनावों में उन्हें लगभग उन्हीं कारणों से मतदाताओं का समर्थन मिला, जिन कारणों ने कांग्रेस पार्टी और सुखविंदर सिंह सुक्खू को राज्य विधानसभा चुनावों में जीत दिलवाई थी। नगर निकाय के कुल 34 सदस्यों वाले सदन में कांग्रेस ने 24 वार्डों में प्रभावशाली जीत हासिल की, जिसमें कांग्रेस के टिकट पर 14 महिलाएं भी जीतीं जो एक रिकॉर्ड है। शिमला की इस जीत को भुनाने में कांग्रेस पार्टी ने जरा देरी नहीं की। पार्टी ने तुरंत ही कर्नाटक के चुनाव में सुक्खू को पार्टी का स्टार प्रचारक बना दिया। कर्नाटक में सत्ता आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे के बाद पार्टी ने सुक्खू को भाजपा के गढ़ हुबली में तैनात किया।
भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी चार सीटों पर सबसे अधिक अंतर के साथ जीत हासिल की। ऐसे में सवाल है कि क्या कांग्रेस आने वाले लोकसभा चुनाव में हिमाचल में अपने जीत के अभियान को कायम रख पाएगी।
चाहे जो हो लेकिन फिलहाल तो सुक्खू और उनकी टीम का मनोबल ऊंचा है। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी कई राज्यों में पहले से ही मुश्किलों का सामना करना कर रही है।
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