रूदादे-सफ़र
पंकज सुबीर
प्रकाशक | शिवना प्रकाशन
पृष्ठ: 232 | मूल्य ₹300
ऐसे दो हिस्सों साथ लेकर चलना लेखकीय कौशल है, जिसे उन्होंने कमजोर नहीं पड़ने दिया है। उपन्यास का अंत पाठक को देर सुन्न अवस्था में छोड़ देता है। विज्ञान-चिकित्सा विषय होने पर भी भाषा शुष्क नहीं होती। दो विपरीत विषयों का ताना-बाना बुन पंकज सुबीर ने पिता और पुत्री के रिश्ते पर खूबसूरती से लिखा है। सुबीर ने उपन्यास में पिता-पुत्री की भावनाओं का सुंदर चित्रण किया है। एनॉटमी, रिश्ते और भावनाएं सब मिल कर उपन्यास को विशाल बनाते हैं। एनॉटमी पर लिखा गया यह उपन्यास हिंदी साहित्य को नायाब तोहफा है।
This story is from the October 30, 2023 edition of Outlook Hindi.
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