एक ही सिक्के के दो पहलू
Outlook Hindi|November 27, 2023
शांति बहाली और समाधान के रास्ते की पहली शर्त यह है कि दोनों तरफ के अतिवादियों की खुलकर आलोचना की जाए
स्लावोज जिजेक
एक ही सिक्के के दो पहलू

इजरायल के ऊपर हमास ने जो बर्बरता बरपायी है उसकी बिना किसी किंतु-परंतु के बेशर्त निंदा की जानी चाहिए। नरसंहार, बलात्कार, गांवों और सामूहिक खेतों से लोगों को उठाकर बंधक बनाया जाना, और एक संगीत समारोह में किया गया कत्लेआम यह पुष्ट करता है कि हमास का वास्तविक लक्ष्य इजरायली राज्य और सारे इजरायलियों को नष्ट करना है। इतना कहने के बाद अब मौजूदा परिस्थिति ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण की मांग करती है। इसे किसी सफाई के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि आगे के रास्ते पर स्पष्टता कायम करने के लिए यह जरूरी है।

सबसे पहले तो चौतरफा व्याप्त विषाद पर बात होनी चाहिए, जिसने ज्यादातर फलस्तीनियों की जिंदगी को जकड़ा हुआ है। याद करें करीब दशक भर पहले यरूशलम की सड़कों पर चला छिटपुट आत्मघाती हमलों का वह सिलसिला, जब एक आम फलस्तीनी किसी यहूदी को देखते ही चाकू निकाल कर मार देता था, यह अच्छे से जानते हुए कि उसके बाद उसकी मौत होना तय थी। इन कथित आतंकी गतिविधियों में कोई संदेश नहीं होता था, ‘फलस्तीन को आजाद करो’ का नारा नहीं गूंजता था। न ही ऐसी घटनाओं के पीछे कोई बड़ा संगठन था। ये सब हताशा में डूबे हुए लोगों की निजी हिंसात्मक कार्रवाइयां थीं।

हालात अचानक तब बुरे हुए जब बेन्यामिन नेतन्याहू ने ऐसे धुर दक्षिणपंथी दलों के साथ मिलकर नई सरकार बना ली, जो वेस्ट बैंक की फलस्तीनी बस्तियों को कब्जाने और वहां यहूदियों को बसाने की खुलेआम पैरवी करती हैं। मसलन, राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रभारी नए मंत्री इतमार बेन-ग्विर यह मानते हैं कि “(वेस्ट बैंक में) स्वतंत्र होकर घूमने-फिरने के मेरे अधिकार, मेरी पत्नी के अधिकार, मेरे बच्चों के अधिकार अरबों के अधिकारों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।” इस आदमी को अरब विरोधी चरमपंथी दलों से जुड़े होने के चलते सैन्य सेवा से प्रतिबंधित किया जा चुका है। जिन दलों से उसका जुड़ाव था, उन्हें 1994 में हेब्रॉन में हुए अरबों के नरसंहार के बाद आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया था।

This story is from the November 27, 2023 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the November 27, 2023 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM OUTLOOK HINDIView All
'वाह उस्ताद' बोलिए!
Outlook Hindi

'वाह उस्ताद' बोलिए!

पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते

time-read
4 mins  |
January 06, 2025
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
Outlook Hindi

सिने प्रेमियों का महाकुंभ

विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव

time-read
3 mins  |
January 06, 2025
विश्व चैंपियन गुकेश
Outlook Hindi

विश्व चैंपियन गुकेश

18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा

time-read
3 mins  |
January 06, 2025
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
Outlook Hindi

सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप

भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात

time-read
10 mins  |
January 06, 2025
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
Outlook Hindi

रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना

एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
Outlook Hindi

हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान

मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
Outlook Hindi

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे

रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी

time-read
10 mins  |
January 06, 2025
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
Outlook Hindi

'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'

लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
आधी हकीकत, आधा फसाना
Outlook Hindi

आधी हकीकत, आधा फसाना

राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां

time-read
8 mins  |
January 06, 2025
संभल की चीखती चुप्पियां
Outlook Hindi

संभल की चीखती चुप्पियां

संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी

time-read
6 mins  |
January 06, 2025