तालीम के सिपाही
Outlook Hindi|March 04, 2024
देश के पिछड़े राज्यों में बदहाल शिक्षा तंत्र के मारे छात्र-छात्राओं की जरूरत को पूरा कर रहे हैं सेवारत और अवकाशप्राप्त सिपाही, दारोगा और अफसर
राजीव नयन चतुर्वेदी और संजय उपाध्याय
तालीम के सिपाही

पुलिस और शिक्षक दोनों का काम समाज के हित में होता है। शिक्षक अगर अपना काम अच्छे से करे, तो पुलिस का काम भविष्य में आसान हो जाता है क्योंकि उसे कानून का पालन करने वाले अच्छे नागरिक मिलते हैं। उसी तरह पुलिस अगर कानून व्यतवस्था कायम रखे, तो शिक्षा जैसी सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहें। इस लिहाज से दोनों पेशे एक दूसरे के पूरक भी हैं। इसके बावजूद विडंबना यह है कि लोग शिक्षक को अच्छी नजर से देखते हैं और पुलिस को बुरी नजर से देखते हैं। यह विडंबना और किन्हीं दो सरकारी पेशों के बीच देखने को नहीं मिलती। जनधारणा के स्तर पर दो पूरक लोक सेवाओं के बीच का यह फर्क ही शायद पुलिसवालों को दूसरे सम्मानजनक पेशों की ओर मुड़ने को प्रेरित करता होगा। बीते कुछ वर्षों के दौरान पुलिसवालों के लेखक, समाजकर्मी और शिक्षक बनने के कई उदाहरण सामने आए हैं। कुछ तो बहुत चर्चित भी हुए हैं। यह जरूरी नहीं कि लेखक या शिक्षक बनने वाला हर पुलिसकर्मी बुरी धारणा का ही मारा हो और अपनी इज्जत बढ़ाने के लिए पढ़ाई-लिखाई की तरफ मुड़ा हो। इस मामले में सबकी अपनी-अपनी वजहें हैं। 

इन वर्दीधारी मास्टरों की खेप हर उस जगह से निकल रही है जहां के लोग किसी कारणवश शिक्षा के प्रति उदासीन हैं। चाहे वे दिल्ली के कॉन्स्टेबल थान सिंह हो या राजस्थान के धर्मवीर जाखड़ या मध्यप्रदेश के सब इंस्पेक्टर भखत सिंह ठाकुर- सभी ने अपनी-अपनी जगह पर पुलिसिया दायित्व के अलावा पिछड़े इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने का काम किया है।

इस मामले में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में तैनात सब-इंस्पेक्टर भखत सिंह का केस खास है क्योंकि उनका पहला पेशा 'मास्टर' का ही था। वे पहले सरकारी शिक्षक थे। बाद में वे पुलिस महकमे में शामिल हुए। इसके बावजूद उन्होंने अपने 'पहले प्यार' को नहीं छोड़ा। वे अपने इलाके में गरीब बच्चों को शिक्षा देते हैं।

आउटलुक हिंदी से एक खास बातचीत में वे कहते हैं, “आज मेरे पास करीब 300-400 गरीब बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। इससे इस क्षेत्र की साक्षरता के स्तर में सुधार आया है।”

भखत सिंह बताते हैं कि 2020 में जब वे बृजपुर थाने में आए थे तब थाने पर विभिन्न किस्मच के 324 अपराध दर्ज थे, लेकिन 2022 में ऐसे मामले घटकर केवल 185 रह गए। उनका मानना है कि पुलिसिंग के साथ यह शिक्षा का भी कमाल है।

This story is from the March 04, 2024 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the March 04, 2024 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM OUTLOOK HINDIView All
शहरनामा - मधेपुरा
Outlook Hindi

शहरनामा - मधेपुरा

बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।

time-read
3 mins  |
November 11, 2024
डाल्टनगंज '84
Outlook Hindi

डाल्टनगंज '84

जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।

time-read
1 min  |
November 11, 2024
गांधी के आईने में आज
Outlook Hindi

गांधी के आईने में आज

फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।

time-read
2 mins  |
November 11, 2024
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
Outlook Hindi

'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'

मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः

time-read
7 mins  |
November 11, 2024
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
Outlook Hindi

एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी

कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था

time-read
3 mins  |
November 11, 2024
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
Outlook Hindi

विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम

दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी

time-read
5 mins  |
November 11, 2024
पाकिस्तानी गर्दिश
Outlook Hindi

पाकिस्तानी गर्दिश

कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट

time-read
3 mins  |
November 11, 2024
नशे का नया ठिकाना
Outlook Hindi

नशे का नया ठिकाना

कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़

time-read
3 mins  |
November 11, 2024
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
Outlook Hindi

'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'

मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:

time-read
3 mins  |
November 11, 2024
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
Outlook Hindi

मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे

मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम

time-read
6 mins  |
November 11, 2024