इस वर्ष क्यूबा क्रांति की 65वीं वर्षगांठ दुनिया भर में मनाई जा रही है। अमेरिका ने 7 फरवरी 1962 को क्यूबा पर, जो आर्थिक प्रतिबंध थोपा था, वह आज तक जारी है। वह फ्लोरिडा के अपने तट से महज नब्बे मील दूर 'कम्युनिस्ट बवाल' से बहुत क्षुब्ध था और उसने छोटे-से कैरिबियाई देश को नेस्तनाबूद कर डालने के खयाल से बंदिशें लगा दीं। यकीनन, बंदिशों की वजह से क्यूबा को खाद्य-पदार्थों और दवाइयों से लेकर भारी वाहनों और कई तरह की मशीनों की बेइंतहा किल्लत झेलनी पड़ी, मगर उसने घुटने टेकने से इनकार कर दिया। इन बंदिशों के खिलाफ दुनिया भर में उठी आवाजों से क्यूबा का संकल्प और मजबूत हुआ। एक ब्रितानी टिप्पणीकार ने लिखा, "हर वसंत में, जैसे घड़ी की सूई घूमती है, बड़ी संख्या में देश बंदिशों के निंदा प्रस्ताव पर पुरजोर समर्थन जताते हैं। नवंबर 2011 में 186 देशों ने प्रतिबंधों का विरोध किया जबकि अमेरिका के पक्ष में सिर्फ इजरायल था।"
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