लोकसभा के राजनीतिक अखाड़े में एक्ट्रेस कंगना रनौत बॉलीवुड का अपना मोह नहीं छोड़ पा रही हैं। पिछले साल भर से स्थानीय नेताओं के साथ जिस तरह वे हिमाचली वेशभूषा में दिख रही थीं, उसी से एहसास था कि कंगना हिमाचल में रंग जमाएंगी। बॉलीवुड में उनका जिस तरह दबंग अंदाज है, हिमाचल में चुनाव प्रचार के दौरान भी उनके तेवर वैसे ही कड़े हैं। यहां उनके तेवर और उनके परिधान दोनों की ही बराबर से चर्चा हो रही है।
बोलने से न चूकने वाली कंगना ने धाकड़, मणिकर्णिका, क्वीन और तेजस में जैसे किरदार निभाए हैं, उसका अक्स उनके राजनीतिक भाषणों में भी साफ दिख रहा है। मंच से दहाड़ कर वे कांग्रेस प्रत्याशी और विपक्ष को जिस तरह के वाक्यों और शब्दावली से निशाना बना रही हैं, वह देवभूमि के लोगों को अचरज में डाल रहा है। एक सभा में कंगना ने कहा कि कांग्रेस के बड़े पप्पू और छोटे पप्पू को पता नहीं चलता। ऐसा नहीं है कि उनका वार सिर्फ विरोधियों के लिए ही है। बड़बोली कंगना ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को उस वक्त बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया, मंडी में उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल में भाजपा अपनी गलतियों से बहुत कम अंतर से हार गई।’’
This story is from the May 27, 2024 edition of Outlook Hindi.
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम