करीब दो दशक से पंजाब में नशे पर सियासत जारी है। नशे का कारोबार खत्म करने का चुनावी वादा करने वाली कई सरकारें आईं और गईं लेकिन ये सिर्फ वादा ही रहा। बीते जून के पहले दो हफ्ते में ही नशे से। 14 लोगों की मौत हो गई। सरकार बनाने से पहले आम आदमी पार्टी ने 10 दिन में नशा खत्म करने की गारंटी दी थी। नशा बेचने वाले और इसे खरीदने वाले, दोनों ही स्तर पर सख्ती के बावजूद इसमें कोई कमी नहीं आई है। सूबे में नशा चुनावी मुद्दा तो बनता है पर जमीनी स्तर पर इसे खत्म करने की सरकार की कोशिश पूरी गंभीरता से नहीं होती। आप सरकार के सवा दो साल के कार्यकाल में ड्रग्स के नशे ने 250 से अधिक जानें लील लीं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हाल ही में दिए गए शपथ पत्र में पंजाब पुलिस ने कबूल किया है कि ड्रग्स ओवरडोज से 2022-23 में 159 जानें गई हैं।
नशे के खिलाफ जंग के नाम पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 10,000 पुलिस कर्मियों के तबादले कर दिए हैं। इसे बड़ी कार्रवाई बताते हुए उनका कहना है, 44 'नशे को लेकर पंजाब को बदनाम किया जा रहा है। नशा खत्म करने को 'मिशन' की तरह लिया गया है। मुझे पता चला कि नशा तस्करों की पुलिस थानों में तैनात मुंशी से लेकर एसएचओ तक सांठगांठ है। कई एसएचओ लंबे समय से एक ही थाने में जमे हुए थे। इस नेक्सस को तोड़ने के लिए हर स्तर पर सामूहिक तबादलों के आदेश दिए गए हैं। हमने ड्रग्स तस्करी में शामिल 9,000 संदिग्धों का डेटाबेस भी तैयार किया है। पुलिस ने उन 750 जगहों की पहचान भी की है जहां ड्रग्स बेची जाती हैं।"
This story is from the July 22, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the July 22, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शहरनामा - बेलगावी
दो नाम सुन कर आपको आश्चर्य होता है। क्यों? आपके दो नाम होते हैं, सो मेरे भी हैं, बेलगाम और बेलगावी।
जय जय श्रीजेश!
भारतीय हॉकी के गौरव में इजाफा करने वाले दिग्गज गोलकीपर की प्रेरणादाई खेल यात्रा पर एक नजर
"संसाधनों की लूट रोकूंगा"
पिछले मानसून में भीषण तबाही झेलने के बाद इस जुलाई के अंत में फिर आई विनाशक बाढ़, बादल फटने की घटनाओं और उसकी वजह से हुआ जानमाल का नुकसान हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए दोहरा सदमा साबित हुआ है। ये घटनाएं स्पष्ट वैज्ञानिक साक्ष्य हैं कि किस तरह ना हिमालयी क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन और इनसानी गतिविधियां प्रभावित कर रही हैं। सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस बात को अब मान रहे हैं कि इलाके में गर्मी अपेक्षा से ज्यादा तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसके चलते वनक्षेत्र में कमी आ रही है, हिमनद पिघल रहे हैं और बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं अक्सर सामने आ रही हैं। राज्य में टिकाऊ वृद्धि के समक्ष जलवायु संबंधी इन खतरों और चुनौतियों के मद्देनजर वे 2026 तक हिमाचल को 'हरित प्रदेश' बनाने की बात करने लगे हैं। उन्होंने 2032 तक राज्य को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की भी बात की है। शिमला में आउटलुक के अश्वनी शर्मा के साथ इन मसलों पर उनसे हुई बातचीत के अंश:
सुर्खियां हटीं, तो सक्रियता छूटी
स्त्री सशक्तीकरण के सरकारों की तमाम जुमलेबाजी के बावजूद बलात्कार की कुसंस्कृति और पितृसत्ता से निपटने में पूरी कानून-व्यवस्था लगातार नाकाम
बलात्कार का समाज-शास्त्र
बलात्कार की एक और घटना ने इस बार फिर लोगों को उद्वेलित किया लेकिन क्या अपराध रोकने के लिए इतना काफी
यौनाचार के आरोप
हेमा कमीशन की रिपोर्ट से मलयालम फिल्म जगत में शुरू हुए नए-नए खुलासे
बलात्कार की 'सत्ता'
बलात्कार और यौन हिंसा के मामलों में दंड की दर हर दशक में लगातार घटती रही है, ऐसे अपराधों पर प्रतिक्रिया और इंसाफ देने में राज्य लगातार नाकाम होता गया है
यौन हिंसा की कुकथा
तारीख बदलती है, शहर या राज्य बदलता है, बस बढ़ती जाती है क्रूरता और जघन्यता, बलात्कार के बाद सजा में देरी ऐसे मामलों की संख्या में लगातार इजाफा ही कर रही
कितना चटकेगा चंपाई रंग
आसन्न राज्य चुनावों के ऐन पहले झामुमो से टूट कर भाजपा के पाले में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कितने प्रभावी
नई नीति का तोहफा
बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति 2024 से बदल सकती है सूरत