हादसे की जटिल परतें
Outlook Hindi|August 05, 2024
हाथरस में हुई मौतों के पीछे गरीबी, उत्पीड़न, जातिभेद से राहत की सामूहिक आकांक्षा का सवाल, मौके से रपट
राखी बोस
हादसे की जटिल परतें

लाला राम इतने धार्मिक नहीं थे कि खुद ही उठकर 2 जुलाई को बाबा भोलेनाथ के सत्संग में चले जाते। उनकी पत्नी कमलेश ने बाबा की उपचारी ताकत के बारे में किसी से सुना था, तो वे वहां जाना चाहती थीं। उनके एक छोटी बच्ची भी थी। वह बीमार चल रही थी, तो उसे भी साथ ले जाना पड़ा। सत्संग स्थल पर औरतों के लिए अलग से बनाए गए पंडाल में दोनों को छोड़ते वक्त लाला ने आखिरी बार उन्हें जिंदा देखा था।

"मेरी जिंदगी की वह सबसे बड़ी गलती थी," हादसे के अगले दिन रोते हुए 28 बरस के लाला राम ने बताया। कमलेश केवल 22 बरस की थी। उनकी शादी को पांच साल ही हुए थे। सत्संग में मची भगदड़ में मां और बच्ची दोनों की जान चली गई। मारे गए श्रद्धालुओं की संख्या 121 बताई गई, जिसमें 114 औरतें और सात बच्चे हैं।

हाथरस के बगला जिला अस्पताल में बीवी और बच्ची की लाश लेने आए लाला राम को अफसोस रह गया कि वे उन्हें बचा नहीं पाए, “मैं वहीं पर था, फिर भी उन्हें नहीं बचा सका।" उस रात उन्होंने बच्ची की लाश को दफनाया और पत्नी का दाह संस्कार किया। परिवार के नाम पर बचा उनका इकलौता बेटा कभी मां की जलती हुई चिता तो कभी बाप की धधकती हुई आंखों को देख रहा था।

जीटी रोड से लगे फुलरई मुगलगढ़ी गांव में एक दिन पहले उजड़ चुके सत्संग स्थल के तम्बू के नीचे कीचड़ से भरे गड्ढे में उलटे मुंह एक खिलौना तैर रहा था। यहां-वहां बिखरे लोगों के माल असबाब-टूटे हुए चश्मे, अधखाये टिफिन के डब्बे, दुपट्टे, चप्पलें, यहां तक कि शादी के न्योते के कार्ड की गड्डी और भोले बाबा को श्रद्धालुओं का चढ़ावा-हादसे का पता दे रहे थे।

पिछले कई महीनों से हाथरस में लाउडस्पीकर से एक सत्संग की मुनादी करवाई जा रही थी। चौक-चौराहे बैनरों से पटे हुए थे। बाबा के सेवादार घर-घर जाकर न्योता दे रहे थे। दिहाड़ी मजदूरी करने वाली सोखना गांव की रेनु ने बताया, "हर कोई उसी की बात कर रहा था।" रेनु खुद बाबा की भक्त नहीं हैं फिर भी वे अपनी सहेलियों के साथ सत्संग में चली गईं। जवान बेटी साधना भी साथ गई थी। ये लोग जब पहुंचे तो बैठने की जगह भर चुकी थी। पूरा पंडाल औरतों से भरा पड़ा था। वे बताती हैं, "वहां घुसते ही हम लोग कीचड़ में फिसल गए थे।"

This story is from the August 05, 2024 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the August 05, 2024 edition of Outlook Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM OUTLOOK HINDIView All
शहरनामा - हुगली
Outlook Hindi

शहरनामा - हुगली

यूं तो पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे बसा जिला हुगली 1350 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, लेकिन यहां हुगली नाम का एक छोटा-सा शहर भी है।

time-read
3 mins  |
November 25, 2024
इन्फ्लुएंसरों के भरोसे बॉलीवुड
Outlook Hindi

इन्फ्लुएंसरों के भरोसे बॉलीवुड

स्क्रीन पर सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसरों का बॉलीवुड कर रहा अच्छा, बुरा और बदसूरत चित्रण

time-read
4 mins  |
November 25, 2024
घर के शेर, घर में ढेर
Outlook Hindi

घर के शेर, घर में ढेर

लंबे दौर बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से एकतरफा हार से सितारों और कोच पर उठे सवाल

time-read
7 mins  |
November 25, 2024
'तलापति' का सियासी दांव
Outlook Hindi

'तलापति' का सियासी दांव

दक्षिण की सियासत में एक नए सितारे और उसकी पार्टी के प्रवेश ने पुराने सवालों को जिंदा कर दिया है

time-read
5 mins  |
November 25, 2024
उलझन सुलझे ना
Outlook Hindi

उलझन सुलझे ना

विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस के लिए अब नेता प्रतिपक्ष चुनना भी बना भारी चुनौती

time-read
3 mins  |
November 25, 2024
आधा देश जद में
Outlook Hindi

आधा देश जद में

पचास सीटों पर विधानसभा और संसदीय उपचुनाव केंद्र की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दलों की बेचैनी के कारण आम चुनाव जितने अहम

time-read
7 mins  |
November 25, 2024
दोतरफा जंग के कई रूप
Outlook Hindi

दोतरफा जंग के कई रूप

सीधी लड़ाई भले भाजपा और झामुमो के बीच, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों की भूमिका नतीजों को तय करने में अहम

time-read
10 mins  |
November 25, 2024
मराठी महाभारत
Outlook Hindi

मराठी महाभारत

यह चुनाव उद्धव ठाकरे और शरद पवार की अगुआई वाली क्षेत्रीय पार्टियों के लिए अपनी पहचान और राजनैतिक अस्तित्व बचाने की लड़ाई, तो सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भी उसकी राजनीति की अग्निपरीक्षा

time-read
10+ mins  |
November 25, 2024
पहचान बचाओ
Outlook Hindi

पहचान बचाओ

मराठा अस्मिता से लेकर आदिवासी अस्मिता तक चले अतीत के संघर्ष अब वजूद बचाने के कगार पर आ चुके

time-read
5 mins  |
November 25, 2024
आखिर खुल गया मोर्चा
Outlook Hindi

आखिर खुल गया मोर्चा

जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच बढ़ने लगा तनाव, यूटी दिवस पर शीत युद्ध गरमाया

time-read
5 mins  |
November 25, 2024