लगभग 58 वर्ष पहले पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत संयुक्त पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्र को नए राज्य का दर्जा मिला और उसका नामकरण हरियाणा किया गया। तबसे ही इस प्रदेश का राजकाज अंतरराज्यीय राजधानी चंडीगढ़ शहर से चल रहा है, जो प्रदेश की सीमाओं से बाहर एक कोने में स्थित है। अभी तक इसकी अपनी भूमि पर अपनी राजधानी और हाइकोर्ट नहीं है। चंडीगढ़ शहर पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ की संयुक्त राजधानी है और पंजाब तथा हरियाणा हाइकोर्ट इन तीनों का साझा हाइकोर्ट है। यह स्थिति संवैधानिक, प्रशासनिक और न्यायिक विवादों व विसंगतियों के अतिरिक्त हरियाणा प्रदेश के लोगों की काफी कठिनाइयों का कारण बनी हुई है। चुनाव के वक्त यह लोकप्रिय विमर्श का हिस्सा बने तो बेहतर होगा।
This story is from the September 16, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the September 16, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी