भारत के पैरालंपिक दल ने पेरिस 2024 खेलों में 29 पदक हासिल कर इतिहास रच दिया। यह अब तक का सबसे सफल पैरालंपिक अभियान रहा । भारत ने सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य पर कब्जा किया। अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारत पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहा। रैंकिंग में भारत का स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम और अर्जेंटीना जैसी शक्तिशाली टीमों से आगे रहना प्रमाणित करता है कि खिलाड़ियों ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कितनी मेहनत की होगी। खास बात यह है कि पदक जीतने वाले अधिकांश प्रदर्शन रिकॉर्ड प्रयासों और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों के थे। इसमें दो राय नहीं कि भारत अभी भी ओलंपिक स्तर पर बड़ी ताकत बनने से बहुत दूर है। लेकिन देश निश्चित रूप से दिव्यांगों की प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण बन कर उभरा है।
84 सदस्यीय दल ने पैरालंपिक इतिहास में भारत के लिए कई प्रथम स्थान दर्ज किए। धावक प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर टी35 और 200 मीटर टी35 वर्ग में कांस्य पदक जीता। टी35 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है, जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी कमियां हैं। प्रीति का जन्म कमजोर पैरों के साथ हुआ था। कपिल परमार ने जूडो में अपना पहला पदक जीता। उन्होंने पुरुषों के 60 किग्रा जे1 वर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। 24 वर्षीय कपिल ने बचपन में हुई एक दुर्घटना से खुद को उबारा। वे बिजली के झटके से घायल हो गए थे। बाद में जीवन चलाने के लिए वे चाय बेचते थे।
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
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'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
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कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
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कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
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