राजधानी भोपाल के बगरोदा गांव का इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री छापे के बाद से सुर्खियों में है। कीटनाशक बनाने वाली उस फैक्ट्री में कीटनाशक के बजाय नशीला पदार्थ मेफेड्रोन (एमडी) बनाया जा रहा था। चौंकाने वाला पहलू यह है कि छापे और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वहां काम कर रहे कर्मचारियों को पता चला कि वे कीटनाशक नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये से भी ज्यादा मूल्य का नशीला पदार्थ बना रहे थे।
अक्टूबर की 5 तारीख को शनिवार था। उस दिन भोपाल के नजदीक बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में सन्नाटा छाया था। दोपहर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और एटीएस, गुजरात की एक संयुक्त टुकड़ी भोपाल के कटारा हिल्स पुलिस के साथ इंडस्ट्रियल एरिया में पहुंच चुकी थी। उन्होंने प्लॉट नंबर एफ-63 में बनी शेडनुमा फैक्ट्री को चारों तरफ से घेर कर फैक्ट्री पर छापा मारा।
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