अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और वहां के धुर दक्षिणपंथी तत्वों के लिए एक दैवीय वरदान बनकर आई है, जो ईरान से जंग पर आमादा हैं और फलस्तीन की ज्यादा से ज्यादा जमीनें कब्जाने की फिराक में हैं। नेतन्याहू ईरान में सत्ता परिवर्तन और उसके नाभिकीय कार्यक्रम पर पूरी तरह रोक लगाना चाहते हैं। अगर वे ऐसा न कर पाए तो ईरान के नाभिकीय ठिकानों पर हमला भी कर सकते हैं। जाहिर है, ऐसा वे अमेरिका की शह के बगैर नहीं कर पाएंगे, लेकिन सवाल है कि क्या ट्रम्प उन्हें इतनी छूट देंगे ?
लगता है कि ईरान और इजरायल के बीच खुली जंग में ट्रम्प की दिलचस्पी नहीं होगी। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने लगातार दावा किया था कि उनके वाइट हाउस में रहते हुए चार साल में एक भी जंग नहीं हुई जबकि जो बाइडन जैसे "कमजोर" राष्ट्रपति ने अपनी नाक के नीचे दो युद्ध हो जाने दिए । महीने भर पहले जब इजरायल और ईरान में तलवारें खिंची हुई थीं, ट्रम्प ने ही इजरायल से ईरान के नाभिकीय ठिकानों पर हमले के लिए कहा था। अब वे राष्ट्रपति बन चुके हैं, तो शायद ऐसा खतरा न मोल लें क्योंकि इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं। इसके बावजूद, ट्रम्प को लेकर कुछ भी पक्का कहना मुश्किल है। बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि उनके सलाहकार उन्हें क्या सलाह देते हैं और अब तक सुरक्षा मसलों पर उनकी टीम के बारे में कुछ भी साफ नहीं है।
This story is from the December 09, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the December 09, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम