औनलाइन पूजा दक्षिणा का षड्यंत्र
Sarita|August II 2022
कोरोना के डर और लौकडाउन ने पुरानी धार्मिक परंपराओं को बदलने पर मजबूर किया है. दानदक्षिणा के लोभ में विज्ञान की पीठ पर सवार हो कर संतपुजारी भी हाईटैक हो गए हैं. कस्टमर छूट न जाए, इस के लिए औनलाइन पूजापाठ व वैबसाइटों की भरमार होने लगी है. सवाल यह है कि धर्म के नाम पर मुफ्त का माल उड़ाने वाली इस जमात पर भरोसा क्यों किया जाए?
मिनी सिंह
औनलाइन पूजा दक्षिणा का षड्यंत्र

पूजा सेवाएं, कैरियर, नौकरी, लव मैरिज, दूसरी जाति में विवाह, शादी में रुकावट, पतिपत्नी में अनबन, मांगलिक दोष, काल सर्प दोष, संतान दोष, श्रापित दोष, तिल दोष, मनचाहा जीवन साथी, शीघ्र धन प्राप्ति के लिए कुबेर की पूजा, पूर्णिमा को सामूहिक ब्राह्मण भोज आदि के लिए पुजारी, ज्योतिषी से औनलाइन संपर्क करें और घरबैठे ही पूजा का लाभ उठाएं.

कोरोनाकाल में धार्मिक क्लासेस, बच्चों की पढ़ाई, शादीविवाह, डाक्टर्स की सलाह से ले कर पूजापाठ भी औनलाइन हो गया. पूजा और दान जैसे महत्त्वपूर्ण धार्मिक कार्य, जैसे मन्नत पूरी करनी हो, घर में सत्यनारायण की कथा करवानी हो, हवन या अन्य कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करवाना हो, कोरोना के खतरे में पुजारी को अपने घर बुलाने की कोई जरूरत नहीं, बस सर्च कीजिए आप को हजारों पुजारियों के नंबर मिल जाएंगे. कौल कर आप अपनी समस्याएं बताएं और वे समाधान बताएंगे. वे वीडियोकौलिंग के जरिए घर बैठे ही पूजा भी करवा देंगे और फिर तय रेट के अनुसार दानदक्षिणा आप उन के अकाउंट में औनलाइन, पेटीएम या नैट बैंकिंग द्वारा दे सकते हैं. यहां जैसी पूजा वैसा रेट तय है. आप औनलाइन पर्सनल पूजा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. लेकिन उस का रेट थोड़ा ज्यादा होगा.

क्या है औनलाइन पूजा सेवाएं

औनलाइन पूजा सेवाओं के माध्यम से आप घर बैठे बस एक क्लिक पर देश के किसी भी कोने से प्रतिष्ठित मंदिरों में पूजन आयोजित करवा सकते हैं. विद्वान पंडित वैदिक अनुष्ठान के अनुसार पूजन कर के आप को देवता का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने व आप की इच्छाओं को पूर्ण करने में मदद करेंगे. वैसे भी आज कई ऐसी वैबसाइट खुल गई हैं जहां आप पूजा के लिए संपर्क कर सकते हैं.

पुजारी हुए हाईटैक

पूजा और दान जैसे महत्त्वपूर्ण धार्मिक कार्य भी अब दुनियाभर में डिजिटलीकरण, विशेष रूप से भारत में होने से पूजापाठ भी औनलाइन होने लगा है. पूजा हजारों प्रकार की होती है. हिंदू धर्म में हर साल अनगिनत व्रतत्योहार होते हैं. ऐसे में कोरोना के डर व लौकडाउन ने परंपराओं को बदलने पर मजबूर कर दिया. संक्रमण न फैले, इस के लिए पंडेपुजारी घर बैठे ही सारे धार्मिक अनुष्ठान वीडियोकौलिंग के जरिए करवाने लगे हैं.

भगवान भी हुए हाईटैक

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