सुमित और पूजा के विवाह को हुए 10 साल बीत चुके हैं. लेकिन दोनों के बीच का प्यार देख कर लगता है जैसे कुछ ही अरसा हुआ है. दोनों का कहना है कि आज भी दोनों अपने रिश्ते में वही ताजगी और नयापन महसूस करते हैं जो शुरुआती दिनों में था. दरअसल उन्होंने अपने रिश्ते को बोझिल नहीं बनने दिया. दोनों ने एकदूसरे की खुशी का खयाल रखा. उन दोनों ने सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक रिश्ता भी इतना मजबूत बनाया हुआ है कि उस में मैं की भावना नहीं है.
लेकिन हर कोई सुमित और पूजा की तरह खुशहाल नहीं होता.
अकसर पतिपत्नी में विवाह के कुछ ही वर्षों बाद आपसी झगड़े, तेरामेरा, रूठनामनाना शुरू हो जाता है. ऐसा नहीं है कि पतिपत्नी के रिश्ते के बीच में छिटपुट झगड़े, रूठनामनाना हो ही न. यह सब हो, लेकिन उन्हें कैसे निबटाया जाए, यह माने रखता है.
खराब रिश्ते की सब से बड़ी निशानी है एकदूसरे के साथ रहने के बाद भी खुश न रह पाना. साथी को खुश करने का सिर्फ यही मतलब नहीं है कि अच्छे पार्टनर की सारी बात मान लें. अपने साथी के साथ हंसीमजाक करने से भी खुशी मिलती है. जिन कपल्स के बीच कुछ समय तक साथ रहने के बाद हंसीमजाक नहीं हो पाता है, उन को एकदूसरे के साथ बोरियत होने लगती है.
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