![जलता मणिपुर औरतें नग्न सत्ता चुप जलता मणिपुर औरतें नग्न सत्ता चुप](https://cdn.magzter.com/1338812051/1692853664/articles/GAapxVaoc1692861137280/1692861698492.jpg)
"एक चीज तो साफ है कि 4 मई से 27 जुलाई तक मणिपुर में पुलिस का शासन नहीं था. राज्य में संवैधानिक संस्था पूरी खत्म हो गई थी." -सुप्रीम कोर्ट
“महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए एक तंत्र बनाना होगा." -सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, मणिपुर हिंसा पर सुनवाई के दौरान
बीते 4 महीनों से मणिपुर जल रहा है. कुकी औरतों के साथ बर्बर हिंसा और उन की नग्न परेड के वीडियो वायरल होने की बाद भारत का सिर दुनिया के सामने शर्म से झुका हुआ है. फिर भी अकड़ यह कि प्रधानमंत्रीगृहमंत्री - मुख्यमंत्री के मुंह पर ताले पड़े हुए हैं. दुनियाभर की सैर में देश की जनता का पैसा उड़ाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर की महिलाओं के जख्मों पर मरहम रखने आज तक न जा पाए. देश के गृहमंत्री हालात पर काबू पाने में अक्षम रहे. हद है कि मणिपुर जल रहा है और मुख्यमंत्री अपनी कुरसी से हिलने को तैयार नहीं. आखिरकार उच्चतम न्यायालय को महिलाओं के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ सख्त रुख इख्तियार करना पड़ा है. 20 जुलाई को सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट को कहना पड़ा कि अगर सरकार कोई कदम नहीं उठाती है तो कोर्ट उठाएगी और उस के पूर्व महिला न्यायधीशों की कमेटी गठित कर दी उस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो मणिपुर की 600 से ज्यादा प्राथमीकियों की जांचपड़ताल करेगी.
गंभीर बात यह है कि मणिपुर में यौनहिंसा की शिकार बनी 2 महिलाओं ने याचिका दायर की तो 1 अगस्त, 2023 को देश के उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई. मणिपुर का अब तक का हाल बयां करते हुए सौलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बैंच को बताया- “राज्य में हिंसा को ले कर अब तक कुल 6,532 एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिन में घटनाएं से 11 महिलाओं के साथ हुई हैं." इस मामले को ले कर उन के बीच परिसंवाद का जानना जरूरी है.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़- कितनी जीरो एफआईआर हुईं?
सौलिसिटर जनरल 11.
चीफ जस्टिस - कितनी जीरो एफआईआर कब सामान्य एफआईआर में बदलीं?
सौलिसिटर जनरल - जी, नहीं मालूम.
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![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
![सरकार थोप रही मोबाइल सरकार थोप रही मोबाइल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/PC285IuYk1739280195789/1739280474981.jpg)
सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
![सास बदली लेकिन नजरिया नहीं सास बदली लेकिन नजरिया नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/pg03lBb3y1739281192590/1739281417705.jpg)
सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
![अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़ अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/s4o9Sj54G1739278764498/1739279348669.jpg)
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
![किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/9JDheV0BY1739279671565/1739280166756.jpg)
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
![युवाओं के सपनों के घर पर डाका युवाओं के सपनों के घर पर डाका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/SzT5OWXW71739279379347/1739279671358.jpg)
युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.