राजनीति में अदृश्य जंजीरों से बंधी महिलाएं
Sarita|April Second 2024
सावित्रीबाई फुले ने जो सोचा था कि पढ़लिख कर महिलाएं रूढ़ियों की जंजीरों को तोड़ देंगी वह हो नहीं सका क्योंकि आज शिक्षित होने के बाद भी महिलाएं कलश यात्राओं में शामिल हो कर अपनी आजादी देख रही हैं. वे बेहतर प्रबंधक होते हुए भी राजनीति में महज शोपीस बन कर रह गई हैं.
शैलेंद्र सिंह
राजनीति में अदृश्य जंजीरों से बंधी महिलाएं

राजनीति में आने और सांसद, विधायक बनने से महिलाओं का सशक्तीकरण हो सकता है. जरूरत इस बात की है कि वे अपनी ताकत को उस तरह से पहचानें जैसे फ्रांस की जौन औफ आर्क ने पहचाना था. भारत में सांसद व विधायक बनने के बाद भी कुछ महिला नेता ही अपना प्रभाव छोड़ सकी हैं. ममता बनर्जी और मायावती ने अपने दम पर मुकाम हासिल किए हैं. इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और जयललिता जैसी कुछ महिला नेताओं ने दूसरों का सहारा ले कर राजनीति में कदम रखा, उस के बाद अपनी स्वतंत्र पहचान बनाई.

पश्चिमी देशों में जौन औफ आर्क को बहुत खास माना जाता है. नेपोलियन से ले कर आज के दौर तक फ्रांस के नेता जौन औफ आर्क को याद करते हैं. बहुत से मशहूर लेखकों ने इन के जीवन से प्रेरित हो किताबें लिखीं. इन में विलियम शेक्सपियर, वोल्टेयर, फ्रेडरिक शिलर, जिसे वर्दी, प्योत्र ईलिच चाइकौव्स्की, मार्क ट्वेन और जर्ज बर्नार्ड शा प्रमुख हैं. जौन पर बहुत सी फिल्में, वृत्तचित्र, वीडियो गेम और नृत्य भी बने हैं.

जौन की सब से बड़ी खासीयत यह थी कि फ्रांस के लोग उन को संत मानते थे जबकि अंगरेज उन को चुड़ैल मानते थे. जौन ने फ्रांस को अंगरेजों पर विजय दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी. वे एक साधारण किसान परिवार में पैदा हुई थीं. इस के बाद भी जौन ने अपने देश के लिए जो किया, दूसरा कोई नहीं कर पाया.

जौन औफ आर्क को फ्रांस की वीरांगना माना जाता है. उन का जन्म पूर्वी फ्रांस के किसान परिवार में हुआ था. 12 वर्ष की आयु से उन को ऐसा महसूस होने लगा कि फ्रांस से अंगरेजों को बाहर निकालना है. जौन ने यह बात फ्रांस के राजाओं को बताई. इस के बाद जौन को फ्रांस की सेना की अगुआई करने का मौका मिला. जौन की अगुआई में फ्रांस ने कई महत्त्वपूर्ण लड़ाइयां जीतीं.

अंगरेज जौन को अपना दुश्मन मानते थे. स्कूल में अंगरेजों ने जौन को पकड़ लिया. फ्रांस की नजर में जौन वीरांगना थीं. अंगरेजों की नजर में वे चुड़ैल थीं. अंगरेजों ने जौन को चुड़ैल करार देते हुए जीवित जला दिया. उस समय उन की उम्र केवल 19 साल की थी.

This story is from the April Second 2024 edition of Sarita.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the April Second 2024 edition of Sarita.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM SARITAView All
भाभी, न मत कहना
Sarita

भाभी, न मत कहना

सुवित को अपने सामने देख समीरा के होश उड़ गए. अपने दिल को संभालना मुश्किल हो रहा था उस के लिए. वक्त कैसा खेल खेल रहा था उस के साथ?

time-read
4 mins  |
February Second 2025
शादी से पहले जब न रहे मंगेतर
Sarita

शादी से पहले जब न रहे मंगेतर

शादी से पहले यदि किसी लड़की या लड़के की अचानक मृत्यु हो जाए तो परिवार वालों से अधिक ट्रौमा उस के पार्टनर को झेलना पड़ता है, उसे गहरा आघात लगता है. ऐसे में कैसे डील करें.

time-read
4 mins  |
February Second 2025
पति की कमाई पर पत्नी का कितना हक
Sarita

पति की कमाई पर पत्नी का कितना हक

पति और पत्नी के बीच कमाई व खर्चों को ले कर कलह जब हद से गुजरने लगती है तो नतीजे किसी के हक में अच्छे नहीं निकलते. बात तब ज्यादा बिगड़ती है जब पति अपने घर वालों पर खर्च करने लगता है. ऐसे में क्या पत्नी को उसे रोकना चाहिए?

time-read
8 mins  |
February Second 2025
अमीरों के संरक्षण व संवर्धन की अभिनव योजना
Sarita

अमीरों के संरक्षण व संवर्धन की अभिनव योजना

गरीबों के लिए तो सरकार कई योजनाएं बनाती है लेकिन गरीबों का उद्धार करने वाले अमीरों को क्यों वंचित किया जाए उन के लग्जरी जीवन को और बेहतर बनाने से. समानता का अधिकार तो भई सभी वर्गो के लिए होना चाहिए.

time-read
6 mins  |
February Second 2025
अब वक्फ संपत्तियों पर गिद्ध नजर
Sarita

अब वक्फ संपत्तियों पर गिद्ध नजर

मुसलिम समाज के पास कितनी वक्फ संपत्ति है और उसे किस तरह उस से छीना जाए, मसजिदों पर पंडों पुजारियों को कैसे बिठाया जाए, इस को ले कर लंबे समय से कवायद जारी है. इस के लिए एक्ट में संशोधन के बहाने भाजपा नेता जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में जौइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन किया गया, जिस में दिखाने के लिए कुछ मुसलिम नेता तो शामिल किए गए लेकिन उन के सुझावों या आपत्तियों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

time-read
10+ mins  |
February Second 2025
घर में ही सब से ज्यादा असुरक्षित हैं औरतें
Sarita

घर में ही सब से ज्यादा असुरक्षित हैं औरतें

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट यह स्पष्ट रूप से बताती है कि महिलाओं के लिए घर ही सब से असुरक्षित स्थान बन चुका है. इस असुरक्षा का समाधान समाज और सरकार की ओर से समग्र दृष्टिकोण अपनाने से ही संभव हो सकता है.

time-read
9 mins  |
February Second 2025
मेहमान बनें बोझ नहीं
Sarita

मेहमान बनें बोझ नहीं

घर में मेहमान आते हैं तो चहलपहल बनी रहती है. लेकिन मेहमान अगर मेहमाननवाजी कराने के लिए आएं तो मेजबान के पसीने छूट जाते हैं और उसे चिड़चिड़ाहट होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि मेहमान कुछ एथिक्स का ध्यान रखें.

time-read
3 mins  |
February Second 2025
कहां जाता है दान का पैसा
Sarita

कहां जाता है दान का पैसा

उज्जैन के महाकाल मंदिर दर्शन घोटाले की एफआईआर अभी दर्ज ही हो रही थी कि नई सनसनी वृंदावन के इस्कौन मंदिर से आई कि वहां भी एक सेवादार करोड़ों का चूना लगा कर भाग गया. ऐसी खबरें हर उस मंदिर से आएदिन आती रहती हैं जहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. जाहिर है, यह भीड़ भगवान को पैसा चढ़ाने ही आती है जिसे मंदिर के सेवादार झटक लें तो हैरानी किस बात की.

time-read
10 mins  |
February Second 2025
मुफ्त में मनोरंजन अफीम की लत या सिनेमा की फजीहत
Sarita

मुफ्त में मनोरंजन अफीम की लत या सिनेमा की फजीहत

बौलीवुड की अधिकतर फिल्में बौक्स ऑफिस पर लगातार असफल हो रही हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, इस पर विचार करने की जगह यह इंडस्ट्री चुनावी नेताओं की तरह बीचबीच में फ्रीबीज की घोषणा कर देती है. इस से हालात क्या सुधर सकते हैं?

time-read
9 mins  |
February Second 2025
जिंदगी अभी बाकी है
Sarita

जिंदगी अभी बाकी है

जीवन का सफर हर मोड़ पर नए अनुभव और सीखने का मौका देता है. पार्टनर का साथ नहीं रहा, बढ़ती उम्र है, लेकिन जिंदगी खत्म तो नहीं हुई न. इस दौर में भी हर दिन एक नई उमंग और आनंद से जीने की संभावनाएं हैं.

time-read
4 mins  |
February Second 2025