कुछ दिनों पहले फेसबुक और यूट्यूब पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक मंच पर फिल्म अभिनेता सलमान खान के साथ डांस करते लोगों ने देखा. वह वीडियो खूब वायरल हुआ. लोगों ने री-प्ले करकर के उसे देखा. प्रधानमंत्री ढोल तो बढ़िया बजा लेते हैं, यह तो देश की जनता ने अनेक कार्यक्रमों के दौरान देखा है खासतौर पर जब वे आदिवासी-जनजातीय क्षेत्रों के दौरे पर होते हैं तो वहां के लोकगायकों के साथ उन के वाद्ययंत्रों पर हाथ जरूर आजमाते हैं, मगर प्रधानमंत्री स्टेज पर ठुमके भी लगा सकते हैं, वह भी सलमान खान के साथ, यह देख कर जरा हैरत हुई.
फिर कुछ दिनों बाद एक औडियो वायरल होने लगा जिस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गायक के रूप में सामने आए. मुकेश द्वारा गाए गीत, 'किसी की मुसकराहटों पे हो निसार...' को जब लोगों ने मोदी की आवाज में सुना तो निहाल हो गए. हाय, अपना प्रधानमंत्री कितना बड़ा कलाकार है, कितना प्रतिभावान लोग तारीफों के पुल बांधने लगे. बाद में पता चला कि दोनों बार प्रधानमंत्री मोदी के डीपफेक वीडियोऔडियो सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहे थे.
सोचिए, साइबर क्राइम में लिप्त अपराधी इस कदर बेखौफ हैं कि उन्होंने सीधे देश के प्रधानमंत्री पर हाथ डाला, उन का मजाक बना डाला. साइबर अपराधियों को पता है कि उन तक पहुंचना पुलिस के लिए आसान नहीं है. विज्ञान और तकनीक जिस तीव्र गति से बढ़ रहे हैं, नएनए ऐप जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं उन का मिसयूज भी उसी तेजी से हो रहा है.
हॉंगकौंग की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से डीपफेक तकनीक के जरिए 200 करोड़ रुपए की ठगी की गई. यह अब तक की सब से बड़ी ठगी है. साइबर अपराधियों ने वीडियो कौन्फ्रेंसिंग कौल कर के कंपनी को निशाना बनाया. डीपफेक तकनीक के जरिए कंपनी के सीएफओ के साथ कंपनी के अन्य अधिकारियों का एआई अवतार तैयार किया गया और जूम मीटिंग में सभी फर्जी चेहरों को बिठा कर कंपनी की हौंगकौंग शाखा के वित्त विभाग के एक कर्मचारी को हौंगकौंग के 5 अलगअलग बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करने का आदेश फर्जी सीएफओ द्वारा दिया गया.
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अच्छा लगता है सिंगल रहना
शादी को ले कर लड़कियों में पुराने रूढ़िगत विचार नहीं रहे. जौब, सैल्फ रिस्पैक्ट, बराबरी ये वे पैमाने हैं जिन्होंने उन्हें देर से शादी करने या नहीं करने के औप्शन दे डाले हैं.
मां के पल्लू से निकलें
पत्नी चाहती है कि उस का पति स्वतंत्र व आत्मनिर्भर हो. ममाज बौयज पति के साथ पत्नी खुद को रिश्ते में अकेला और उपेक्षित महसूस करती है.
पोटैशियम और मैग्नीशियम शरीर के लिए कितने जरूरी
जिन लोगों को आहार से मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे अति आवश्यक तत्त्व पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते और शरीर में इन की कमी हो जाती है, उन में कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है.
क्या शादी छिपाई जा सकती है
शादी का छिपाना अब पहले जैसा आसान नहीं रहा क्योंकि अब इस पर कानूनी एतराज जताए जाने लगे हैं. हालांकि कई बार पहली या दूसरी शादी की बात छिपाना मजबूरी भी हो जाती है. इस की एक अहम वजह तलाक के मुकदमों में होने वाली देरी भी है जिस के चलते पतिपत्नी जवान से अधेड़ और अधेड़ से बूढ़े तक हो जाते हैं लेकिन उन्हें तलाक की डिक्री नहीं मिलती.
साइकोएक्टिव ड्रग्स जैसा धार्मिक अंधविश्वास
एक परिवार सायनाइड खा लेता है, एक महिला अपने लड्डू गोपाल को स्कूल भेजती है, कुछ बच्चे काल्पनिक देवताओं को अपना दोस्त मानते हैं. इन घटनाओं के पीछे छिपा है धार्मिक अंधविश्वास का वह असर जो मानव की सोच व व्यवहार को बुरी तरह प्रभावित करता है.
23 नवंबर के चुनावी नतीजे भाजपा को जीत पर आधी
जून से नवंबर सिर्फ 5 माह में महाराष्ट्र व झारखंड की विधानसभाओं और दूसरे उपचुनावों में चुनावी समीकरण कैसे बदल गया, लोकसभा चुनावों में मुंह लटकाने वाली पार्टी के चेहरे पर मुसकान आ गई लेकिन कुछ काटे चुभे भी.
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा
क्या कानून हमेशा समाज सुधार का रास्ता दिखाते हैं या कभीकभी सत्ता के इरादों का मुखौटा बन जाते हैं? 2014 से 2024 के बीच बने कानूनों की तह में झांकें तो भारतीय लोकतंत्र की तसवीर कुछ अलग ही नजर आती है.
अदालती पेंचों में फंसी युवतियां
आज भी कानून द्वारा थोपी जा रही पौराणिक पाबंदियों और नियमकानूनों के चलते युवतियों का जीवन दूभर है. मुश्किल तब ज्यादा खड़ी हो जाती है जब कानून बना वाले और लागू कराने वाले असल नेता व जज उन्हें राहत देने की जगह धर्म का पाठ पढ़ाते दिखाई देते हैं.
"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली
'एफआईआर', 'भाभीजी घर पर हैं', 'हप्पू की उलटन पलटन' जैसे टौप कौमेडी फैमिली शोज की निर्माता बिनायफर कोहली अपने शोज के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का संदेश देने में यकीन रखती हैं. वह अपने शोज की महिला किरदारों को गृहणी की जगह वर्किंग और तेजतर्रार दिखाती हैं, ताकि आज की जनरेशन कनैक्ट हो सके.
पतिपत्नी के रिश्ते में बदसूरत मोड़ क्यों
पतिपत्नी के रिश्ते के माने अब सिर्फ इतने भर नहीं रह गए हैं कि पति कमाए और पत्नी घर चलाए. अब दोनों को ही कमाना और घर चलाना पड़ रहा है जो सलीके से हंसते खेलते चलता भी है. लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब कोई एक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते अनुपयोगी हो कर भार बनने लगता है और अगर वह पति हो तो उस का प्रताड़ित किया जाना शुरू हो जाता है.