![एक्सरसाइज करते समय घबराहट एक्सरसाइज करते समय घबराहट](https://cdn.magzter.com/1338812051/1735122792/articles/joEeaEl8r1735294331178/1735294460248.jpg)
आज लता ने जैसे ही 2 मिनट का ऐक्सरसाइज किया, उस के दिल की धड़कन तेज हो गई. उस का जी घबराने लगा. उस ने झट अपने डाक्टर को फोन किया. बगैर विलंब उन के पास गई. लता की जांच की गई. उस की डायबिटीज बढ़ रही थी ब्लडप्रैशर भी डाक्टरी सलाह से उस ने भारी कसरत तुरंत बंद कर दी. अब वह हल्की फुल्की एक्सरसाइज व टहलने को ही प्राथमिकता देती है.
आप ने गौर किया होगा कि बहुत बार ऐसा होता है कि आप अगर हल्की फुल्की भी ऐक्सरसाइज कर रहे हों, यहां तक कि पैदल चल रहे हों या साइकिल चला रहे हों, तब भी शरीर में अचानक ही बेचैनी होना तथा घबराहट लगना एक आम बात सी होने लगती है. बेचैनी और घबराहट ऐसी प्रक्रिया है जिस में शरीर अपने आंतरिक अंगों को नियंत्रित करता है, यानी कुछ देर की बेचैनी, अचानक पसीना सा आना एक तरह से शरीर के ठंडा होने की एक प्रक्रिया है. बहुत बार ज्यादा ऐक्सरसाइज करने पर शरीर का अंदरूनी तापमान बढ़ जाता है, जिस से त्वचा पर मौजूद हमारे पसीने की ग्रंथियां पसीना छोड़ती हैं. बाहरी तापमान में बदलाव के साथ ही भावनात्मक स्थिति जैसे कारक पसीना आने, घबराहट, बेचैनी का कारण बन सकते हैं.
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![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.
![बुलडोजर न्याय औरत विरोधी बुलडोजर न्याय औरत विरोधी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/Ro1JWIWT41737703976070/1737706073945.jpg)
बुलडोजर न्याय औरत विरोधी
बुलडोजर न्याय जैसे मनमाने फैसलों की मार अक्सर महिलाओं पर ही पड़ती है. इन सब के पीछे पुरुषवादी सोच काम करती है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है लेकिन बुलडोजर न्याय की मानसिकता खत्म नहीं हुई है.
![श्याम बेनेगल - ढह गया नेहरूवियन का अंतिम किला श्याम बेनेगल - ढह गया नेहरूवियन का अंतिम किला](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/7mvv2gkwk1737713464418/1737713929296.jpg)
श्याम बेनेगल - ढह गया नेहरूवियन का अंतिम किला
श्याम बेनेगल का भारतीय फिल्म में अतुलनीय योगदान रहा. उन का काम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया. उन की फिल्मों ने न केवल मनोरंजन बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कदम उठाया.
![पर्सनैलिटी का आईना है डैस पर्सनैलिटी का आईना है डैस](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/ceeUrLVmD1737712998247/1737713270124.jpg)
पर्सनैलिटी का आईना है डैस
व्यक्तित्व को निखारने वाले कपड़े आप के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और आप की पहचान को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करते हैं. सही रंग, डिजाइन और फिटिंग न केवल आप की स्टाइल को सुधारते हैं, बल्कि आप के व्यक्तित्व का प्रभावशाली प्रदर्शन भी करते हैं. हर अवसर के लिए उपयुक्त पोशाक चुनना आप के व्यक्तित्व को और निखार सकता है.
![बेकार न समझें कार से जुड़ी ये बातें बेकार न समझें कार से जुड़ी ये बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/hGXLYHr7g1737712284304/1737712504267.jpg)
बेकार न समझें कार से जुड़ी ये बातें
जीवन का एक और पहलू जिस में लोगों की बुरी आदतें होती हैं, चाहे उन्हें पता हो या न, वह है गाड़ी चलाते समय का. कोई भी व्यक्ति परफैक्ट ड्राइवर नहीं होता, लेकिन कुछ ऐसी ड्राइविंग आदतें होती हैं जो आने वाले समय में कार में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं.
![अतुल सुभाष सुसाइड मामला - महिलाएं विलेन क्यों बनीं अतुल सुभाष सुसाइड मामला - महिलाएं विलेन क्यों बनीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/ZmnxX3Yg-1737702380544/1737702770096.jpg)
अतुल सुभाष सुसाइड मामला - महिलाएं विलेन क्यों बनीं
अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला ज्युडिशियल सिस्टम पर सवाल उठाता है. विडंबना यह है कि पूरी बहस महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कानूनों को टारगेट करने पर केंद्रित हो गई है और इस घटना के चलते सभी महिलाओं को आरोपित किया जा रहा है.
![इंटरस्टेट मैरिज सुख की गारंटी इंटरस्टेट मैरिज सुख की गारंटी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/2UFNI2gRE1737703365509/1737703777520.jpg)
इंटरस्टेट मैरिज सुख की गारंटी
भले ही इंटरस्टेट मैरिज का विरोध होता हो लेकिन आज के दौर में ज्यादातर ऐसी शादियां सफल होते दिख रही हैं. यह समाज में आ रहा एक छोटा सा ही सही सुखद बदलाव है जिस के सामने कट्टरवाद और सामाजिक व धार्मिक पूर्वाग्रह घुटने टेकते नजर आ रहे हैं.
![दीवार से ऊंचे - कास्ट और क्लास के गड्ढे दीवार से ऊंचे - कास्ट और क्लास के गड्ढे](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/60LRy1NDt1737706387795/1737706706689.jpg)
दीवार से ऊंचे - कास्ट और क्लास के गड्ढे
आर्थिक वर्णव्यवस्था कभी मानव कल्पना से परे की बात थी लेकिन अब समाज और सोच का हिस्सा बन गई है. एक ही जाति के लोग आपस में आर्थिक हैसियत के मुताबिक फर्क करने लगे हैं. यह भी भारतीय सामाजिक संरचना से मेल खाती बात नहीं थी, लेकिन अब है.
![हड्डियों को गलाती तंबाकू की लत हड्डियों को गलाती तंबाकू की लत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/fJ2E53Byc1737706777110/1737707171087.jpg)
हड्डियों को गलाती तंबाकू की लत
भारत ही नहीं दुनियाभर में तंबाकू का भारी मात्रा में सेवन चिंता का विषय बनता जा रहा है, वह भी तब जब इस से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां सब के सामने हैं.