भूपेंद्र यादव, केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री
राजधानी में सोमवार से दो दिन का राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन शुरू हो रहा है। इसमें शामिल होने आ रहे केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत जलवायु परिवर्तन संकट के समाधान खोजने में वर्ल्ड लीडर के रूप में उभरा है। वे उम्मीद जताते हैं कि यह सम्मेलन राज्यों को इस संबंध में सुझाए गए कार्यक्रमों पर प्रभावी अमल के लिए सक्षम बनाने में मददगार साबित होगा। अमर उजाला के राज्य ब्यूरो प्रमुख महेंद्र तिवारी ने जलवायु परिवर्तन से जुड़े विषयों व उसमें यूपी की भूमिका को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश......
पर्यावरण में तेजी से बदलाव आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है। भारत इससे निपटने के लिए क्या कदम उठा रहा है?
विभिन्न सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, भारत जलवायु अनुकूलन मार्ग पर बढ़ रहा है। देश की घरेलू नीतियों में क्षेत्रीय ग्लेशियरों की रक्षा, रेलवे प्रणाली को हरा-भरा बनाना, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को कम करना और खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन का उत्पादन करना शामिल है। भारत ऊर्जा के कुशल उपयोग के लिए हरित ईंधन, हरित ऊर्जा, हरित खेती, हरित गतिशीलता, हरित भवन से संबंधित कई जलवायु अनुकूलन कार्यक्रमों, हरित उपकरणों और नीतियों को लागू कर रहा है। देश ने सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन शुरू किए हैं। भारत, स्वीडन के साथ, उद्योगों में परिवर्तन पर एक लीडरशिप ग्रुप का सह- नेतृत्व कर रहा है। यह नेट जीरो प्रौद्योगिकी नवाचार पर सहयोग करता है और जिन क्षेत्रों में उत्सर्जन कम करना कठिन है, उनमें क्षेत्रीय रोडमैप के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करता है ।
पेरिस समझौते की काफी चर्चा होती है। इसके अनुपालन में भारत की क्या स्थिति है ?
This story is from the April 10, 2023 edition of Amar Ujala.
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