ओडिशा रेल हादसे के तुरंत बाद सबसे पहले हादसा स्थल पहुंचे स्थानीय लोगों ने हर तरह से पीड़ितों को मदद पहुंचाई। यहां के बहनगा बाजार के रहने वाले रणजीत गिरी, बिप्रदा बाग, आशा बहेरा, अशोक बेरा आदि को जब ट्रेनों की टक्कर की जोरदार आवाजें और घायलों की चीख-पुकार सुनाई दी तो वे खुद को रोक नहीं सके। इन लोगों की कोशिशों से कई घायलों की जान बची। मानवता की भावना से भरे उनके प्रयासों ने सभी को तत्परता से मदद पहुंचाने के लिए भी प्रेरित किया।
This story is from the June 04, 2023 edition of Amar Ujala.
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