जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में लोकतंत्र का अलग रंग दिखा। अलगाववादियों के गढ़ में जहां वोट पड़े, तो वहीं आतंकियों के परिवारों ने भी मतदान कर लोकतंत्र में आस्था जताई। बॉर्डर से सटे इलाकों में भी जमकर मतदान हुआ। पहली बार पाकिस्तान से आए शरणार्थी, गोरखा व वाल्मीकि समाज के लोगों मत डाले। कड़ी सुरक्षा के बीच तीसरे चरण में सात जिलों की 40 सीटों पर 69.65 फीसदी मतदान हुआ। पहले चरण में 61.38 और दूसरे चरण में 57.31 फीसदी मत पड़े थे।
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