
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी), लखनऊ के एक तत्कालीन पीठासीन अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) के खिलाफ सीबीआई को जांच का आदेश दिया है। साथ ही 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को नियत की है।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यह आदेश बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से दाखिल याचिका पर दिया। याची बैंक की ओर से कहा गया कि 18 सितंबर 2024 को लखनऊ डीआरटी ने एक आदेश पारित किया, जिसे कथित तौर पर बिना उचित सुनवाई या आदेश के पारित किया गया। इस आदेश को 27 सितंबर 2024 को एक संशोधन पत्र के जरिए संशोधित किया गया, जिसमें आदेश की तिथि 24 सितंबर 2024 बताई गई।
Diese Geschichte stammt aus der November 22, 2024-Ausgabe von Amar Ujala.
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