भारत ने पिछले साल ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी - 26) के दौरान जो वादे किए थे, उन्हें ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ऊर्जा संरक्षण विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव किया है। इसका मकसद पर्यावरण के अनुकूल यानी हरित ईंधन और औद्योगिक ऊर्जा दक्षता से संबंधित लक्ष्य हासिल करना तथा देश में अपना कार्बन क्रेडिट बाजार तैयार करना है।
विधेयक में कहा गया है कि संशोधन का प्रस्ताव अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की भारत की योजना और राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह विधेयक सीओपी - 26 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित पांच लक्ष्य हासिल करने में भी मदद करेगा।
लोकसभा में आज पेश विधेयक में सभी उद्योगों के लिए हरित ईंधन जैसे ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, बायोमास के उपयोग की अनिवार्य सीमा तय करने का भी प्रस्ताव है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कुछ निश्चित उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा के स्रोत के तौर पर गैर-जीवाश्म ईंधन की खपत कम से कम रखने के लिए कानूनी प्रावधान की जरूरत महसूस की गई। इससे जीवाश्म ईंधन की खपत कम करने में मदद मिलेगी और वातावरण में कार्बन उत्सर्जन कम होगा।'
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