खुलासा हुआ
■ एनएसई ने पाया कि ब्रोकरेज फर्मों की तरफ से कोलेटरल की जानकारी दी जा रही है वहां कई तरह की गड़बड़ी है
■ शेयर बाजार की चाल ट्रेडर के उलट होती है तो कोलेटरल का इस्तेमाल पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में होता है
ब्रोकरेज फर्में अक्सर अपने क्लाइंटों के कोलेटरल की गलत जानकारी साझा कर रहे हैं, जो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के दौरान वे ब्रोकरेज के पास बनाए रखते हैं। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने पाया है कि ब्रोकरेज फर्मों की तरफ से जिस कोलेटरल की जानकारी दी जा रही है वहां कई तरह की गड़बड़ी है। इनमें एक ही आंकड़ों के कई फाइल अपलोड करना, विभिन्न क्षेत्रों में परिचालन के आधार पर छोटीछोटी जानकारी मुहैया न कराना और कुछ मामलों में कुछ निश्चित क्लाइंटों के आंकड़ों की रिपोर्टिंग नहीं करना शामिल है।
This story is from the July 26, 2023 edition of Business Standard - Hindi.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि 'केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।'
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कोविड के बाद बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों को सावधानी बरतने और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचने की जरूरत है
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आने वाले महीनों में महंगाई कैसी रहेगी इसके लिए अब सभी की नजरें खरीफ फसल पर हैं
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जैसे ही आगामी हफ्तों में गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों की बोआई में तेजी आएगी इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता जलाशयों में जलस्तर होगा। खासकर जिनके पास सिंचाई क्षमता होती है।
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