क्या आप जी20 शिखर सम्मेलन के बाद थोड़ा राहत महसूस कर रहे हैं?
नहीं, बिल्कुल नहीं। प्रधानमंत्री ने अब एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई है, इसलिए हमें उस पर काम करना शुरू करना होगा। हमें फिर से मुद्दों से जुड़े नोट तैयार करने होंगे और उन्हें प्रसारित करना होगा। नेताओं की घोषणा के तौर पर हमने जो चीजें तय की हैं यह उसके क्रियान्वयन से जुड़ी बाद की कार्रवाई का हिस्सा होगा।
आप भारत के जी 20 शेरपा के रूप में अपनी यात्रा को किस तरह से देखते हैं?
जो हासिल किया गया है वह अविश्वसनीय है और अब असंभव चीजें संभव हो रही हैं। पीछे मुड़कर देखने पर ऐसा लगता है कि भारत ने एकदम जादू दिखाया है… किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत में पूर्ण सहमति वाला बयान जारी होगा।
जी20 में आपके लिए खास पल कौन सा था?
रूस और यूक्रेन के मुद्दे को लेकर काफी अनिश्चितता सी स्थिति थी और इसी वजह से जी20 में खास क्षण वह था जब हमने इसे भी इसमें शामिल किया। जब आखिरकार प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि वह सहमति वाले घोषणापत्र को शामिल करने जा रहे हैं तब सभी ने तालियां बजाईं और सभी नेताओं ने समर्थन किया, यह वास्तव में जी20 के लिए खास पल था। बहुपक्षीय मंच के इतिहास में बिना किसी पूर्वग्रह के और बिना किसी किंतु-परंतु के किसी देश की अध्यक्षता में शत-प्रतिशत आम सहमति बनाना अभूतपूर्व है।
क्या घोषणापत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री ने अन्य देशों के नेताओं से बात की थी?
यह शेरपा के स्तर पर किया गया था। जब आप इस तरह का समझौता कर लेते हैं जो अभूतपूर्व है तब आप नेताओं के कद और उनके रुख के स्तर पर समानांतर खड़े हो जाते हैं। प्रधानमंत्री के कद के कारण हम बहुत निर्भीक, साहसिक, जोश के साथ और बेहद गैर-पारंपरिक तरीके से बातचीत कर सकते थे। हमें आखिरकार उन्हें इसे अपनाने या छोड़ने के लिए कहना पड़ा।
This story is from the September 15, 2023 edition of Business Standard - Hindi.
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