मनरेगा वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर तक इस योजना में व्यय करीब 77,634 करोड़ रुपये रहा है, जबकि कुल उपलब्ध राशि 68,014 करोड़ रुपये है। इससे पता चलता है कि आवंटन से 9,619.53 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च हो चुके हैं।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान (बीई) में मनरेगा के लिए करीब 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किया था। खबरों में कहा गया है कि इस घाटे की भरपाई के लिए हाल में 10,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटन किया गया है, जबकि 18,000 से 20,000 करोड़ रुपये और आवंटित किए जा सकते हैं।
बहरहाल अतिरिक्त आवंटन अगले 5 महीने के लिए पर्याप्त होगा, या व्यय का कुछ हिस्सा अगले साल के बजट में ले जाना पड़ेगा, यह देखना बाकी है। ऐसा इसलिए भी है कि पहले चरण में दिए गए 10,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल मौजूगा घाटे की भरपाई में ही हो जाएगा।
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'तत्काल सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख नहीं, ईमेल या पत्र भेजा जाए'
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान आज, राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ी, वायनाड लोक सभा क्षेत्र में भी पड़ेंगे वोट
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'जेनको को सूचीबद्ध करें राज्य
देश के बिजली क्षेत्र में इस दशक में करीब 22 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत का हवाला देते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यों से अपनी लाभ वाली इकाइयों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का अनुरोध किया है।
विल्सन ऐंड ह्यूज ने कॉक्स ऐंड किंग्स की परिसंपत्ति, ब्रांड का किया अधिग्रहण
सौदे की रकम का नहीं किया गया खुलासा
बाजार भागीदारी बढ़ाने पर रहेगा ब्रिटानिया का जोर
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50% तक घटेगी आयात निर्भरता
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गिरावट के बाद इंडसइंड कितना आकर्षक?
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने मंगलवार को निवेशकों के डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को सीधे क्रेडिट करने की योजना वापस लेने की घोषणा की। इसे 11 नवंबर से प्रभावी हुई थी। एक्सचेंजों ने सूचित किया कि कुछ मामलों में उन्हें थोड़े विलंब का सामना करना पड़ा और इस वजह से सीधे क्रेडिट की सुविधा टालनी पड़ी।
स्थिर सरकार नहीं दे सकता एमवीए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को \"अस्थिर गाड़ी\" करार देते हुए कहा यह कभी स्थिर सरकार नहीं दे सकती।
5 महीने के निचले स्तर के करीब निफ्टी
आय के मोर्चे पर निराशा, विदेशी निवेश निकासी का असर शेयर बाजारों पर बरकरार रहा