इस बार विधानसभा चुनावों में बढ़त हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने एक से बढ़कर एक वादे किए हैं। सबसे अनूठा वादा तो मध्य प्रदेश की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टीम बनाने का है। इसे छोड़ दें तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भारी बढ़ोतरी का वादा नजर आता है, जो उस वक्त किया जा रहा है, जब केंद्र ने मुफ्त राशन योजना अगले पांच साल के लिए बढ़ा दी है।
केंद्रीय पूल में बड़ी मात्रा में गेहूं और धान देने वाले प्रमुख राज्यों में एमएसपी बढ़ाने का मतलब है कि केंद्र को भी पूरे देश में मूल्य बढ़ाने पड़ सकते हैं। एमएसपी पूरे देश के लिए लागू होते हैं और राज्य उन पर बोनस ही दे सकते हैं। मगर एमएसपी पर मोटे बोनस का ऐलान कर खरीदे गए अतिरिक्त अनाज की केंद्रीय खरीद पक्की करना मुश्किल हो सकता है। 2014 में केंद्र में आने के बाद से ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार उन राज्यों से गेहूं और चावल खरीदने से हिचकती आई है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक एमएसपी पर बोनस देते हैं। उसने राज्यों से को इससे बचने का आदेश भी दिया था।
यही नहीं, कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने कई बार अपनी रिपोर्ट में ऐसे राज्यों से कम धान खरीदने की वकालत की है, जो एमएसपी पर बोनस देते हैं या अतिरिक्त उपकर और अधिभार लगाते हैं। सीएसीपी देश में हर साल बीस से अधिक फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाली मुख्य संस्था है। सीएसीपी के पूर्व चेयरमैन और मुंबई में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च के पूर्व निदेशक एस महेंद्र देव ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘एमएसपी में मनमानी बढ़ोतरी से राज्यों के साथ केंद्र सरकार का भी राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है। ऐसी घोषणाएं काफी गुणा-भाग करने के बाद एमएसपी तय करने वाली सीएसीपी जैसी संस्थाओं की भूमिका को भी कमजोर करती हैं। मैं मानता हूं कि एमएसपी में बढ़ोतरी किसानों के नजरिये से अच्छी हो सकती है क्योंकि हर राज्य के लिए उत्पादन की लागत अलग-अलग होती है मगर इससे फसल की विविधता में रुकावट आती है।’
This story is from the November 28, 2023 edition of Business Standard - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the November 28, 2023 edition of Business Standard - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
'तत्काल सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख नहीं, ईमेल या पत्र भेजा जाए'
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
झारखंड: कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर
कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान आज, राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ी, वायनाड लोक सभा क्षेत्र में भी पड़ेंगे वोट
सरकारी बैंकों ने दर्ज की 11% की मजबूत वृद्धि
कुल कारोबार 236 लाख करोड़ रुपये पहुंचा
'जेनको को सूचीबद्ध करें राज्य
देश के बिजली क्षेत्र में इस दशक में करीब 22 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत का हवाला देते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यों से अपनी लाभ वाली इकाइयों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का अनुरोध किया है।
विल्सन ऐंड ह्यूज ने कॉक्स ऐंड किंग्स की परिसंपत्ति, ब्रांड का किया अधिग्रहण
सौदे की रकम का नहीं किया गया खुलासा
बाजार भागीदारी बढ़ाने पर रहेगा ब्रिटानिया का जोर
सितंबर तिमाही में लाभ पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9.6 प्रतिशत घटकर 531.5 करोड़ रुपये रह गया
50% तक घटेगी आयात निर्भरता
प्रमुख फार्मा सामग्री के विनिर्माण में देश बनेगा आत्मनिर्भर
गिरावट के बाद इंडसइंड कितना आकर्षक?
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने मंगलवार को निवेशकों के डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को सीधे क्रेडिट करने की योजना वापस लेने की घोषणा की। इसे 11 नवंबर से प्रभावी हुई थी। एक्सचेंजों ने सूचित किया कि कुछ मामलों में उन्हें थोड़े विलंब का सामना करना पड़ा और इस वजह से सीधे क्रेडिट की सुविधा टालनी पड़ी।
स्थिर सरकार नहीं दे सकता एमवीए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को \"अस्थिर गाड़ी\" करार देते हुए कहा यह कभी स्थिर सरकार नहीं दे सकती।
5 महीने के निचले स्तर के करीब निफ्टी
आय के मोर्चे पर निराशा, विदेशी निवेश निकासी का असर शेयर बाजारों पर बरकरार रहा