राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने सभी को चकित करते हुए चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था के 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के 7 फीसदी वृद्धि के अनुमान से ज्यादा है। एनएसओ ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में निवेश आधारित सुधार के दम पर वृद्धि दर में तेजी का अनुमान लगाया है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2024 में 6.5 से 6.7 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है।
वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही थी। 30 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में वृद्धि दर 7.7 फीसदी दर्ज की गई थी। एनएसओ ने आज जीडीपी वृद्धि का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया है जिसमें एक अतिरिक्त महीने (अक्टूबर) के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के साथ ही नवंबर एवं दिसंबर के कुछ संकेतकों को भी आधार बनाया है। इसके आधार पर उसने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.95 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है।
सरकार वित्त वर्ष 2018 से 1 फरवरी को आम बजट पेश करना शुरू किया है जबकि इससे पहले फरवरी के अंत में बजट पेश होता था। इसे देखते हुए सांख्यिकी विभाग भी समय से पूर्व पहला अग्रिम अनुमान जारी करने लगा है ताकि सरकार को बजट तैयार करते समय सालाना जीडीपी का अंदाज लग सके।
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