विप्रो कर्मियों पर छंटनी की तलवार
Business Standard - Hindi|February 01, 2024
स्टार्टअप और वैश्विक स्तर की दिग्गज तकनीकी कंपनियों में छंटनी के बाद भारत में अरबों डॉलर के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में भी नौकरियां कम करने की शुरुआत हो सकती है।
आयुष्मान बरुआ और शिवानी शिंदे
विप्रो कर्मियों पर छंटनी की तलवार

प्रमुख देसी आईटी कंपनी विप्रो ने कहा कि वह अपने कारोबार और प्रतिभा को बाजार के बदलते माहौल के हिसाब से ढाल रही है। कंपनी ने छंटनी की संभावना पर पूछे सवाल के जवाब में यह कहा।

दो सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक विप्रो अपना मार्जिन बढ़ाने के लिए मझोले स्तर के कई ऑन-साइट कर्मचारियों की छंटनी के बारे में सोच रही है। विश्लेषकों के अनुसार विप्रो की आय में 55 फीसदी योगदान ऑफशोर कर्मचारियों और 45 फीसदी ऑनसाइट कर्मचारियों का है। ऑनलाइट कर्मचारियों के वेतन पर भारी खर्च होता है, इसलिए छंटनी की गाज उन पर गिर सकती है। विप्रो ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'कारोबार और प्रतिभा को बाजार के बदलते माहौल के हिसाब से ढालना हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है क्योंकि हम मजबूत, चुस्त व उच्च प्रदर्शन वाला संगठन बनना चाहते हैं।'

विप्रो के प्रवक्ता ने कहा, 'हम ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने, कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाने और ग्राहक तथा बाजार की तेजी से बदलती जरूरतें पूरी करने के लिए अपने कर्मचारियों, प्रक्रिया और तकनीक पर निवेश जारी रखेंगे।'

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