निगरानी तंत्र होगा पुख्ता
■ जून की बोर्ड बैठक में मिली थी इसकी मंजूरी, -अधिसूचना के बाद 6 महीने में लागू होनी थी व्यवस्था
■ बड़ी एएमसी को जल्द संस्थागत निगरानी तंत्र लागू करने को कहेगा सेबी
■ इससे धोखाधड़ी और फ्रंट रनिंग जैसे मामलों का पता लगाने व रोकने में मिलेगी मदद
■ इस समय सभी फंड कंपनियों का निरागनी तंत्र अलग-अलग तरह का है
■ इसके तहत सेबी ऐसे मामले में एएमसी प्रबंधन पर डाल सकता है ज्यादा जवाबदेही
क्वांट म्युचुअल फंड में फ्रंट रनिंग की आशंका के कारण संस्थागत प्रक्रिया व्यवस्था का क्रियान्वयन तेज कर दिया गया है। इस व्यवस्था का मकसद फ्रंट रनिंग और फर्जी लेनदेन के जरिये होने वाला बाजार का दुरुपयोग रोकना है।
संस्थागत तंत्र की व्यवस्था को अप्रैल में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की बैठक में मंजूरी दी गई थी। इसे अधिसूचित होने के 6 महीने बाद लागू होना था। मगर सेबी ने जून में अपनी बैठक में नया रास्ता सुझाया, जिसमें बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) से कहा जाएगा कि यह व्यवस्था जल्द लागू करें।
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