बाजार नियामक की तरफ से प्रस्तावित नये परिसंपत्ति वर्ग (जो म्युचुअल फंडों और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के बीच फिट बैठेगा) से देसी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को कारोबार के नए मौके मिलेंगे। हालांकि उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह फंडों और पीएमएस की कुछ मौजूदा परिसंपत्तियों का हिस्सा खा सकता है। बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को ऐसे निवेशकों के लिए नया निवेश माध्यम शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। जो बाजार में ज्यादा जोखिम वाले दांव लगाने के इच्छुक हैं, लेकिन जिनकी पहुंच पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) या वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) तक नहीं हैं। नियामक ने निवेश का न्यूनतम आकार 10 लाख रुपये रखने का प्रस्ताव किया है जो पीएमएस की न्यूनतम सीमा 50 लाख रुपये से काफी कम है।
इंडियाला एलएलपी के वरिष्ठ पार्टनर शिजू पीवी ने कहा कि एएमसी के लिए यह अच्छा मौका है क्योंकि उनके पास निवेशकों के लिए कई पेशकश हो सकती हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें जरूरी विशेषज्ञता विकसित करनी होगी । यह पीएमएस निवेश का कुछ हिस्सा ले सकता है और इसकी मांग भी उठेगी कि उन्हें भी नए परिसंपत्ति वर्ग में आने दिया जाए।
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