वित्त विधेयक पर बोलीं वित्त मंत्री
■ 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों पर नया और पुराना एलटीसीजी दर का होगा विकल्प
■ बजट में प्रत्यक्ष कर के प्रस्ताव से लोगों पर कर का बोझ होगा कम
■ नई आयकर व्यवस्था को अपनाने वाले करदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त विधेयक 2024 पर चर्चा के जवाब में कहा कि प्रस्तावित संशोधन से रियल एस्टेट संपत्तियों की बिक्री पर दीर्घावधि पूंजी लाभ कर (एलटीसीजी) के लिहाज से कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं पड़ेगा।
सीतारमण ने कहा, ‘हर बार जब हम बजट पेश करते हैं… मैं देश भर के अलग-अलग हिस्सों में गई और कर पेशेवरों, उद्योग, व्यापारियों और सभी हितधारकों से मुलाकात कर उनके विचार जाने। उसके बाद संशोधन का प्रस्ताव किया है ताकि बजट आम लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर सके।’
वित्त मंत्री वित्त विधेयक में ताजा संशोधन के बारे में जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्ति के लिए करदाता बगैर इंडेक्सेशन के 12.5 फीसदी एलटीसीजी दर या इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी कर की दर का विकल्प चुन सकते हैं।
बजट पेश करने के तुरंत बाद इतने सारे संशोधन प्रस्तावित करने के बारे में उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि हमने उन लोगों को सुना है जो कुछ बदलाव चाहते हैं और हमारे पास इसे बदलने का साहस और विश्वास है।’
This story is from the August 08, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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