निजी क्षेत्र में टाटा संस देश की सबसे धनी प्रवर्तक है और उसके प्रतिस्पर्धी काफी पीछे हैं। टाटा समूह की होल्डिंग कपनी को वित्त वर्ष 2024 में लाभांश और शेयर पुनर्खरीद से 36,500 करोड़ रुपये प्राप्त हुए जो वित्त वर्ष 2023 के 27,800 करोड़ रुपये से 7.5 फीसदी अधिक है। नकदी के लिहाज से विप्रो के अजीम प्रेमजी दूसरे सबसे अमीर प्रवर्तक हैं जिन्हें पिछले वित्त वर्ष में लाभांश और शेयर पुनर्खरीद के जरिये 9,100 करोड़ रुपये मिले। वित्त वर्ष 2023 में उन्हें 400 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। एचसीएल टेक्नोलॉजिज का शिव नादर परिवार इस मामले में तीसरे स्थान पर है जिसकी कमाई पिछले वित्त वर्ष में करीब 8,600 करोड़ रुपये रही थी।
देश में शीर्ष दस धनी प्रवर्तकों की सूची में वेदांत के अनिल अग्रवाल (6,800 करोड़ रुपये), इन्फोसिस के प्रवर्तक (3,745 करोड़ रुपये), हिंदुजा बंधु (1,800 करोड़ रुपये), सन फार्मा के दिलीप सांघवी (1,765 करोड़ रुपये) और एशियन पेंट्स के प्रवर्तक (1,681 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
टाटा संस ने समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से लाभांश और पुनर्खरीद के माध्यम से पिछले 5 साल में करीब 1.42 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। इसी तरह वेदांत के अनिल अग्रवाल ने इस दौरान 47,000 करोड़ रुपये, अजीम प्रेमजी ने करीब 26,700 करोड़ रुपये, मुकेश अंबानी ने 13,200 करोड़ रुपये और शिव नादर ने 12,050 करोड़ रुपये की कमाई की है।
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