तरह-तरह के वाहनों के पोर्टफोलियो, मजबूत बाजार स्थिति, ठोस विनिर्माण आधार और अपनी वैश्विक मूल कंपनी से तकनीकी सहायता के साथ ह्युंडै मोटर इंडिया कम पैठ वाले भारतीय यात्री वाहन (पीवी) बाजार में मजबूत वृद्धि के रुझानों से लाभ उठाने की तैयारी में है। ज्यादा वृद्धि वाले यूटिलिटी व्हीकल (सेगमेंट) से 63 प्रतिशत योगदान के साथ साथ क्षमता विस्तार और नए वाहनों की पेशकश से कंपनी को भविष्य में अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है।
हालांकि संभावनाएं मजबूत हैं। लेकिन ऊपरी प्राइस बैंड पर 27,870 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का मूल्यांकन महंगा लग रहा है। कारोबार के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी पीवी निर्माता (15 प्रतिशत बाजार भागीदारी) अपनी वित्त वर्ष 2024 की आय के 26.3 गुना के मूल्यांकन चाह रही है जो बाजार में सबसे अग्रणी मारुति सुजूकी इंडिया के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत कम है। जहां ह्युंडै मजबूत मार्जिन और रिटर्न प्रोफाइल में सक्षम है, वहीं उसकी बिक्री, बाजार भागीदारी और वितरण पहुंच मारुति के मुकाबले लगभग एक-तिहाई है।
ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी दीर्घावधि के लिहाज से फायदेमंद साबित होगी। लेकिन निवेशकों के लिए अल्पावधि लाभ संपूर्ण मूल्यांकन की वजह से सीमित हो सकता है।
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इस सत्र में कम रहेगी देश में चीनी की खपत
सितंबर में समाप्त 2023-24 के चीनी सत्र में उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद 2024-25 चीनी वर्ष (एसवाई) में भारत में चीनी की खपत घटकर लगभग 280 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15 लाख टन कम है। खपत में कमी का अनुमान मुख्य रूप से 2024 के आम चुनाव जैसा कोई बड़ा कार्यक्रम न होने की वजह से लगाया जा रहा है।
विनिर्माण पीएमआई में सुस्ती
उत्पादन, नए ऑर्डर और खरीद के स्टॉक में धीमी वृद्धि के बीच दिसंबर महीने में देश के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में वृद्धि 12 महीने के निचले स्तर पर आ गई। गुरुवार को जारी एक निजी बिजनेस सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
'10 साल में 17.2 करोड़ नई नौकरियां'
भारत में 2014 से 2024 के बीच 17.2 करोड़ नई नौकरियों का सृजन हुआ है। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा केएलईएमएस आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इन नौकरियों में से 4.6 करोड़ नौकरियों का सृजन पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में हुआ है।
तकनीक व गांवों पर होगा बीमा कंपनियों का जोर
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि, बीमा नियमों में संशोधन व वस्तु और सेवा कर दरों में संशोधन की आस
सेबी ने एयूएम के मानक तय किए, एमएफ लाइट का दायरा सीमित
विश्लेषकों का कहना है कि एमएफ लाइट फ्रेमवर्क के तहत पेश सख्त नियमों की वजह से म्युचुअल फंड (एमएफ) व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए शुरू किए गए इस नए विकल्प को चुनने वाले परिसंपत्ति प्रबंधकों द्वारा नवाचार के लिए बहुत कम गुंजाइश रह गई है।
आईटी फर्मों पर दिखेगा वीजा सख्ती का असर
इन्फोसिस, टीसीएस और एचसीएल पर अमेरिकी वीजा में सख्ती का अधिक प्रभाव पड़ेगा
वेतन कम, जोखिम ज्यादा
पिछले पांच वर्षों के दौरान ऑटो क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को चोट लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
बेहतर समन्वय से कम हुईं वनों में आग की घटनाएं
वनों में लगने वाली काफी सफलता मिल रही है।
बेरोजगार, गृहिणी व छात्रों से साइबर धोखाधड़ी ज्यादा
एक नया साइबर घोटाला सामने आया है, जिसमें बेरोजगार युवाओं, गृहणियों, छात्रों और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाया जाता है और वे बड़ी रकम गंवा रहे हैं।
ई-कॉमर्स को ओएनडीसी से पंख
विकास में अहम योगदान का जिक्र कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की इस मंच की तारीफ