मकानों की बिक्री कम रहने का खटका नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे बड़े बाजारों में बिना बिके मकानों की तादाद कम होने के कारण है। इस बार त्योहारों से पहले बड़ी संख्या में मकान बिक भी चुके हैं। इसीलिए बिल्डर भी मांग होने के कारण पहले जैसे ऑफर नहीं दे रहे हैं। माना जा रहा है कि पहली बार मकान खरीदने पहुंच रहे लोग ऑफरों की कमी से भी बिदक सकते हैं।
दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख रियल्टी समूह गौड़ समूह के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक और क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हर साल की तरह इस साल भी त्योहारों पर मकानों की मांग खूब है। एनसीआर के रियल एस्टेट बाजार में नोएडा व ग्रेटर नोएडा बड़ा केंद्र है। इस साल भी इस बाजार में मकानों की मांग तो खूब है। लेकिन बिना बिके मकान कम बचे हैं।
पिछले एक-डेढ़ साल से बहुत मकान बिक रहे हैं मगर सरकार ने बिल्डरों को आवासीय परियोजनाओं के लिए पर्याप्त जमीन नहीं दी है। इसलिए बिल्डरों के पास कम मकान बचे हैं। लिहाजा इस साल त्योहारी तिमाही में मकानों की बिक्री में बीते वर्षों की तुलना में कम वृद्धि होनी संभावना है। ग्रेटर नोएडा में तो बिक्री घट भी सकती है।
This story is from the October 14, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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इस सत्र में कम रहेगी देश में चीनी की खपत
सितंबर में समाप्त 2023-24 के चीनी सत्र में उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद 2024-25 चीनी वर्ष (एसवाई) में भारत में चीनी की खपत घटकर लगभग 280 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15 लाख टन कम है। खपत में कमी का अनुमान मुख्य रूप से 2024 के आम चुनाव जैसा कोई बड़ा कार्यक्रम न होने की वजह से लगाया जा रहा है।
विनिर्माण पीएमआई में सुस्ती
उत्पादन, नए ऑर्डर और खरीद के स्टॉक में धीमी वृद्धि के बीच दिसंबर महीने में देश के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में वृद्धि 12 महीने के निचले स्तर पर आ गई। गुरुवार को जारी एक निजी बिजनेस सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
'10 साल में 17.2 करोड़ नई नौकरियां'
भारत में 2014 से 2024 के बीच 17.2 करोड़ नई नौकरियों का सृजन हुआ है। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा केएलईएमएस आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इन नौकरियों में से 4.6 करोड़ नौकरियों का सृजन पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में हुआ है।
तकनीक व गांवों पर होगा बीमा कंपनियों का जोर
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि, बीमा नियमों में संशोधन व वस्तु और सेवा कर दरों में संशोधन की आस
सेबी ने एयूएम के मानक तय किए, एमएफ लाइट का दायरा सीमित
विश्लेषकों का कहना है कि एमएफ लाइट फ्रेमवर्क के तहत पेश सख्त नियमों की वजह से म्युचुअल फंड (एमएफ) व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए शुरू किए गए इस नए विकल्प को चुनने वाले परिसंपत्ति प्रबंधकों द्वारा नवाचार के लिए बहुत कम गुंजाइश रह गई है।
आईटी फर्मों पर दिखेगा वीजा सख्ती का असर
इन्फोसिस, टीसीएस और एचसीएल पर अमेरिकी वीजा में सख्ती का अधिक प्रभाव पड़ेगा
वेतन कम, जोखिम ज्यादा
पिछले पांच वर्षों के दौरान ऑटो क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को चोट लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
बेहतर समन्वय से कम हुईं वनों में आग की घटनाएं
वनों में लगने वाली काफी सफलता मिल रही है।
बेरोजगार, गृहिणी व छात्रों से साइबर धोखाधड़ी ज्यादा
एक नया साइबर घोटाला सामने आया है, जिसमें बेरोजगार युवाओं, गृहणियों, छात्रों और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाया जाता है और वे बड़ी रकम गंवा रहे हैं।
ई-कॉमर्स को ओएनडीसी से पंख
विकास में अहम योगदान का जिक्र कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की इस मंच की तारीफ