एनबीएफसी पर आरबीआई के बढ़ते एतराज
Business Standard - Hindi|October 24, 2024
ऐसा लगता है कि भारतीय बैंकिंग नियामक के शब्दकोश में 'सब बस भौंकते हैं, काटते नहीं' मुहावरे का कोई स्थान नहीं है। महज एक हफ्ते पहले गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कड़ी चेतावनी देने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते एक आदेश जारी कर चार एनबीएफसी को नए ऋण को मंजूरी देने और उसका वितरण करने से रोक दिया है। इन एनबीएफसी में आशीर्वाद माइक्रोफाइनेंस लिमिटेड, आरोहण फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड, डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और नावी फिनसर्व लिमिटेड शामिल हैं।
तमाल बंद्योपाध्याय
एनबीएफसी पर आरबीआई के बढ़ते एतराज

ऐसा पाया गया कि एनबीएफसी अधिक ब्याज दर वसूलने के अलावा नियामक के दिशानिर्देशों के मुताबिक परिवारों की आमदनी और ऋणकर्ताओं की मासिक किस्त चुकाने की क्षमता का आकलन नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा पुराने ऋण नहीं चुका पा रहे ऋणकर्ताओं को नए ऋण देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। हालांकि आरबीआई ने अपने आदेश में एनबीएफसी की विभिन्न योजनाओं की क्रॉस सेलिंग का जिक्र नहीं किया है। इन चार कंपनियों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है लेकिन आमतौर पर एनबीएफसी ऋण से इतर ऋण लेने वालों को विभिन्न उत्पाद बेचती हैं। पहले बिक्री की सूची में मोबाइल फोन, बीमा पॉलिसी, सोलर लालटेन और इन्वर्टर लाइट शामिल थे। अब ऋण दिए जाने के साथ ही प्रेशर कुकर, मिक्सर ग्राइंडर, टीवी और रेफ्रिजरेटर भी बेचे जाते हैं। कई मामलों में ऋण देने की पूर्व शर्त भी इन उत्पादों की बिक्री से जुड़ी होती है। संभवतः आरबीआई ने इस तरह की 'अन्य आय' को एनबीएफसी द्वारा वसूले जा रहे ब्याज दर के साथ जोड़ दिया है। चार एनबीएफसी में से डीएमआई का सबसे बड़ा लोन बुक है और यह इस वर्ष जून तक 13,160 करोड़ रुपये है और इसके बाद आशीर्वाद (11,327 करोड़ रुपये), नावी (9,110 करोड़ रुपये) और आरोहण (6,737 करोड़) का स्थान है। जब वृद्धि की बात आती है तब डीएमआई इस सूची में 47.76 फीसदी वृद्धि के साथ शीर्ष पर, आशीर्वाद दूसरे पायदान (33.7 फीसदी) पर इसके बाद नावी (32.67 फीसदी) और आरोहण (27.95 फीसदी) का स्थान है।

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