![एआई नियमन के लिए वैश्विक ढांचे की जरूरत एआई नियमन के लिए वैश्विक ढांचे की जरूरत](https://cdn.magzter.com/1548654642/1730487290/articles/XwDsIhZ7F1zGeDsZFV7sys/1730503192752.jpg)
एआई मूलतः सहयोगात्मक, समावेशी, गतिशील एवं लगातार बदलने वाली तकनीक पर आधारित है। इसलिए इसके नियम भी ऐसे ही होने चाहिए। केवल एक नियामक के नियंत्रित परीक्षण इस तकनीक को कम से कम जोखिम के साथ सभी को फायदा पहुंचाने वाली नहीं बना सकते। इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है।
1.4 अरब आबादी वाला देश भारत तेजी से डिजिटल तकनीक अपना रहा है और वह एआई से जुड़ी इस बहस में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एआई के लाभ आर्थिक, सामाजिक, स्वास्थ्य, परिवहन (लॉजिस्टिक्स), शिक्षा, सुरक्षा एवं पर्यावरण समेत सभी क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं। रोजमर्रा के कार्यों में इसे तेज रफ्तार से अपनाया जा रहा है, जो चौंकाने वाली बात है। मगर एआई के बढ़ते इस्तेमाल की राह में ठोस नियम-कायदों का अभाव बाधा उत्पन्न कर रही है। इसके कारण एआई का दुरुपयोग हो रहा है और लोगों का इसमें भरोसा नहीं बन पा रहा है। एआई की अनियंत्रित प्रगति और उपलब्धता से मानवीय, राष्ट्रीय, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो रहा है तथा सभी पक्षों पर इसका असर पड़ रहा है।
एआई क्षेत्र में काम करने वाली इकाइयाँ (हितधारक) डेटा तैयार करती हैं, जो एआई की रीढ़ माना जाता है। डेटा भंडार जितना बड़ा और विविधता भरा होगा, अनजाने में पक्षपात होने की आशंका उतनी ही कम होगी तथा उतना ही अधिक सटीक आकलन एवं परिणाम होगा। इस वजह से स्वाभाविक रूप से एआई का आकलन सहयोगात्मक, समावेशी और अलग-अलग अधिकार क्षेत्र में काम करने वाला होता है, जिसकी प्रगति के लिए उपयोगकर्ताओं का भरोसा बहुत जरूरी है। साथ ही इससे जुड़े खतरे भी हर जगह दिखने लगते हैं। इसलिए सहयोग भरा नियमन जरूरी है ताकि जोखिम कम हो और इनका इस्तेमाल एवं विकास गति पकड़े।
मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में हर देश अपने हिसाब से एआई के कायदे तय कर रहा है, जो नाकाफी साबित हो रहे हैं। नियमन की लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश अवांछित परिणाम दे सकती है। कारगर नियमन के लिए जब अलग-अलग अधिकार क्षेत्र यानी देशों का साथ आना और सहयोग करना जरूरी है तो पहले कदम उठाने वाले को ज्यादा फायदा मिलने का सवाल ही नहीं है।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin November 02, 2024 sayısından alınmıştır.
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![एआई के दुरुपयोग की बढ़ती आशंका एआई के दुरुपयोग की बढ़ती आशंका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/1AZ9B4Ff57g54tY8QCRsys/1739767206895.jpg)
एआई के दुरुपयोग की बढ़ती आशंका
प्रिंसटन विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक जॉन एरिस्टॉटल फिलिप्स ने एक शोध पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि परमाणु बम कैसे बनाया जाता है।
वैश्विक इक्विटी मार्केट कैप में भारत की हिस्सेदारी घटी
देश की सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण सितंबर के आखिर से अब तक करीब 1,050 अरब डॉलर घटा
![छात्र आवास बाजार में उभर रहीं बड़ी संभावनाएं छात्र आवास बाजार में उभर रहीं बड़ी संभावनाएं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/ektfyei7r1739767830186/1739767942158.jpg)
छात्र आवास बाजार में उभर रहीं बड़ी संभावनाएं
भारत में शिक्षण संस्थानों की बढ़ती मांग के साथ छात्रों के आवास बाजार का दायरा तेजी से उभरने वाला है, क्योंकि इन संस्थानों में पढ़ने आने वाले लाखों बाहरी छात्रों को रहने के लिए छात्रावास और किराए के घरों की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे छात्रों की संख्या बढ़ेगी, आवास की मांग में वृद्धि होती जाएगी।
हीरो मोटोकॉर्प का 2 अंकों में राजस्व वृद्धि का लक्ष्य
देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प नए उत्पाद और खंडों में सतत निवेश के जरिये अगले वित्त वर्ष में अपने राजस्व में दो अंकों में वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रही है।
![बंदरगाहों की 50,000 करोड़ की पीपीपी पर होगा काम बंदरगाहों की 50,000 करोड़ की पीपीपी पर होगा काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/7AT_1m1J61739766706871/1739766878740.jpg)
बंदरगाहों की 50,000 करोड़ की पीपीपी पर होगा काम
सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों प्रमुख सरकारी बंदरगाहों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की परियोजनाएं विकसित करने पर है। इससे बंदरगाहों पर भीड़ कम होगी और वे बेहतर ढंग से तैयार भी होंगे। इन मसलों के कारण ही भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत अधिक रहती है।
![शेयरों की टूटी धमक तो सोने की बढ़ी चमक शेयरों की टूटी धमक तो सोने की बढ़ी चमक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/MPGMs0Dkf1739765842212/1739765930656.jpg)
शेयरों की टूटी धमक तो सोने की बढ़ी चमक
विश्लेषकों का कहना है कि सोने में 10-15 प्रतिशत करें निवेश, लेकिन पिछले साल जितने लाभ की उम्मीद न करें
अवीवा इंडिया पर 75 लाख डॉलर का दंड
भारतीय कर अधिकारियों ने ब्रिटिश बीमा कंपनी अवीवा की घरेलू इकाई को पिछले करों और दंड के रूप में 75 लाख डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया है।
सैमसंग इंडिया के संयंत्र में हड़ताल और गहराने का अंदेशा
सैमसंग इंडिया के श्रीपेरंबदूर संयंत्र में कंपनी प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच ताजा गतिरोध सोमवार से और तेज हो सकता है। इसकी वजह यह है कि सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स) के समर्थन वाले लगभग 1,000 श्रमिक अपने परिवार के लोगों के साथ वरचत्र में बड़ी भूख हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं।
![अमेरिकी वीजा के लिए मंदिरों में बढ़ी भीड़! अमेरिकी वीजा के लिए मंदिरों में बढ़ी भीड़!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/BNjvfkjHhGqlwBjoMKtsys/1739767419776.jpg)
अमेरिकी वीजा के लिए मंदिरों में बढ़ी भीड़!
अमेरिकी वीजा मिलने में सख्ती होने के डर से परामर्शदाता एजेंसियों की सेवाएं ले रहे लोग, मंदिरों में भी कर रहे प्रार्थना
![2030 तक नौ लाख करोड़ का कपड़ा निर्यात 2030 तक नौ लाख करोड़ का कपड़ा निर्यात](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/YDlEFUwEtZmlva8RDpbsys/1739767633326.jpg)
2030 तक नौ लाख करोड़ का कपड़ा निर्यात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत टेक्स 2025 में कहा कि भारत दुनिया में वस्त्र और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक