ब्रिटेन ने वर्ष 1985 में ओएफबी की पूर्ववर्ती, रॉयल ऑर्डनेंस फैक्टरी को एक कंपनी में बदल दिया था। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ओएफबी को कंपनी में बदलने का फैसला 2020 में ही किया गया। एक अन्य उदाहरण भारत के डेटा सुरक्षा कानून की लंबी प्रक्रिया है जिस पर वर्ष 2015 से ही चर्चा हो रही है लेकिन नौ वर्ष बाद भी इसे लागू नहीं किया जा सका है।
नीति बनाने की प्रक्रिया में कई जटिलताएं होती हैं जिनकी वजह से कई बार निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी हो सकती है और जिससे समग्र विकास के लक्ष्यों पर असर पड़ता है। इन चुनौतियों का समाधान कर हम सार्वजनिक नीतियों की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और सार्थक बदलाव लाने के साथ ही हम दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।
हालांकि परिवर्तन का विरोध प्रभावी नीति निर्माण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है। व्यक्ति, संगठन और समुदाय रोजगार के मौके गंवाने के डर से, वित्तीय जोखिम या फिर प्रभाव के नुकसान के कारण परिवर्तन का विरोध करते हैं। उदाहरण के लिए श्रमिक संगठनों ने नौकरी की सुरक्षा की चिंताओं के कारण कंप्यूटरीकरण का विरोध किया। जो चलन जितना ही पुराना होता है उससे लोगों के अधिक हित जुड़े होते हैं। ऐसे में सुधार करना कठिन हो जाता है।
सरकारी नीतियों में बदलाव कानूनों, नियमों, कार्यकारी निर्देशों और परिपत्रों जैसे व्यापक दस्तावेजों की स्थापित परंपरा से और जटिल हो जाते हैं। इस तरह की जटिल दस्तावेजी प्रक्रिया यथास्थिति को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है और इसका एक नकारात्मक प्रभाव होता है और एक-दूसरे से जुड़ा हुआ जटिल नेटवर्क बनता है। प्रत्येक दस्तावेज में अक्सर दूसरे दस्तावेज का संदर्भ होता है जिससे अतिरिक्त दस्तावेज जुटाने की स्थिति बनती है। यह परस्पर संबंध एक जटिल प्रणाली बनाता है जहां किसी भी संशोधन का कई अन्य दस्तावेजों पर प्रभाव हो सकता है और इसकी सीमा भी अक्सर स्पष्ट नहीं होती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल को सरकारी नियमन का विश्लेषण करने और नीतिगत बदलावों से होने वाले सभी संभावित अंतर्संबंधों की पहचान करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए।
This story is from the November 15, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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केन-बेतवा रिवर लिंक का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में एक समारोह के दौरान केन-बेतवा रिवर लिंक परियोजना का शिलान्यास किया।
आप सरकार की योजनाओं से अधिकारियों ने बनाई दूरी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा हाल में घोषित दो प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं पर सियासी बवाल मच गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष आवास बाजार का बढ़ता दायरा
भारत में संपन्न वरिष्ठ नागरिकों की आबादी की तादाद अच्छी खासी है जो रिटायरमेंट के बाद जिंदगी को बेहतर और स्वतंत्र तरीके से बिताना चाहते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कारोबार के लिए अच्छी संभावनाएं बन रही हैं।
प्रौद्योगिकी से बुजुर्गों की देखभाल
भारत की बढ़ती आबादी के साथ परिवारों और स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए बुजुर्गों की देखभाल जरूरी होती जा रही है।
2024 में बदल गई दुनिया की तस्वीर
वर्ष 2024 पूरी दुनिया के लिए उठापटक भरा रहा है। अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के सनसनीखेज चुनाव अभियान और राष्ट्रपति पद पर दोबारा निर्वाचन, पश्चिम एशिया में हमलों और जवाबी हमलों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों के दरम्यान वैश्विक संबंधों की दिशा और दशा दोनों ही बदल गई। देशों की कूटनीतिक ताकत कसौटी पर कसी गई और दुनिया एक नए इतिहास की साक्षी बन गई।
स्थिरता के साथ कैसे हासिल हो वृद्धि?
वर्ष 2025 में ऐसी वृहद नीतियों की आवश्यकता होगी जो घरेलू मांग को सहारा तो दें मगर वृहद वित्तीय स्थिरता के सामने मौजूद जोखिमों से समझौता बिल्कुल नहीं करें। बता रही हैं सोनल वर्मा
विकास और वनीकरण में हो बेहतर संतुलन
टाइम्स ऑफ इंडिया के दिल्ली संस्करण में 3 दिसंबर 2024 को छपी एक खबर में कहा गया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच की एक रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया था कि भारत में सन 2000 से अब तक लगभग 23 लाख हेक्टेयर वन नष्ट हो गए।
ड्रिप सिंचाई बढ़ाने के लिए 500 करोड़ के पैकेज की मांग
भारत में 67 प्रतिशत कपास का उत्पादन वर्षा पर निर्भर इलाकों में होता है
अक्टूबर में नई औपचारिक भर्तियां 21 प्रतिशत घटीं
अक्टूबर में ईपीएफ में नए मासिक सबस्क्राइबरों की संख्या मासिक आधार पर 20.8 प्रतिशत घटकर 7 माह के निचले स्तर 7,50,000 पर पहुंच गई है, जो सितंबर में 9,47,000 थी
ग्रीन स्टील खरीद के लिए संगठन नहीं
इस्पात मंत्रालय के ग्रीन स्टील (हरित इस्पात) की थोक खरीद के लिए केंद्रीय संगठन स्थापित करने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है।