विगत में बाजार में गिरावट अल्पकालिक साबित हुई हैं। क्या इस बार की गिरावट अलग है?
मौजूदा उतारचढ़ाव कई वजहों से है, चीन के आर्थिक प्रोत्साहन उपायों से लेकर दूसरी तिमाही के निराशाजनक आय सीजन आदि तक। आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) और पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से इक्विटी की बढ़ी हुई आपूर्ति ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया। अंत में, मजबूत डॉलर की संभावना का मतलब है कि उभरते बाजारों में आने वाली रकम पर असर जारी रहेगा। मेरा मानना है कि यह गिरावट कीमत से अधिक समय से जुड़ी है, जिसके परिणामस्वरूप कम या सपाट रिटर्न के दौर की संभावना है, वैसा ही जैसा हमने नवंबर 2021 और मार्च 2023 के बीच देखा था। निफ्टी-50 इंडेक्स एक साल की आगे की कमाई के लगभग 21 गुने के उच्च मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। हालांकि बाजार में मूल्यांकन अलग-अलग हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की तुलना में लार्जकैप अपेक्षाकृत सस्ते दिखाई दे रहे हैं। इसलिए, निवेशकों को उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जिनमें चौंकाने वाली सकारात्मक आय की संभावना हो या जिनका मूल्यांकन आकर्षक हो।
दूसरी तिमाही की आय पर आपकी क्या राय है? क्या किसी सेक्टर ने चौंकाया है?
This story is from the November 27, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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टैक्सी यूजर ने की डार्क पैटर्न की शिकायत
लोकल सर्कल्स का सर्वेक्षण
खिलौनों से इलेक्ट्रॉनिकी तक 10 मिनट में
इस साल भारतीयों का सुविधा और तुरंत डिलिवरी के लिए प्यार बढ़ गया है और उपभोक्ताओं ने किराना के सामान के अलावा मेकअप और खिलौनों से लेकर वैक्यूम क्लीनर तक का ऑर्डर क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म से किया।
विश्व के नेताओं ने दी मनमोहन को श्रद्धांजलि
देश के उद्योग जगत के दिग्गजों ने भी जताया शोक, उनके योगदान को किया याद
भारत के वाहन उद्योग की बदली तस्वीर
भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ा दांव खेलने वाले ओसामु सुजूकी हमेशा किए जाएंगे याद
चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रमुख जिंसों का निर्यात 5 फीसदी बढ़ा
भारतीय कमोडिटी के निर्यात में अब तेजी देखी जाने लगी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में कुल कमोडिटी निर्यात में करीब है। कुछ गैर 5 फीसदी इजाफा हुआ बासमती चावल पर लगे प्रतिबंध से पहले कुल कमोडिटी निर्यात में सुस्ती देखी जा रही थी।
अपतटीय खनिज नीलामी की राह में कई चुनौतियाँ
कुल 13 ब्लॉकों में से गुजरात के तट के पास लाइम स्टोन के तीन जी3 ब्लॉकों में अनुमानित 171.2 करोड़ टन संसाधन मौजूद
सरकारी कंपनियों का सीएसआर पर खर्च 4 साल के उच्च स्तर पर
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है।
आगाज पर चमके 5 कंपनियों के शेयर
शेयरधारकों को सूचीबद्धता पर 18 फीसदी से लेकर 159 फीसदी तक का फायदा हुआ
ईटीएफ, इंडेक्स फंड फोलियो बढ़े
इंडेक्स फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 2024 में निवेश खातों में शानदार इजाफा दर्ज किया है। सेक्टोरल और थीमेटिक निवेश के प्रति उत्साह बढ़ने से इन फोलियो में तेजी देखने को मिली। इंडेक्स फंडों में निवेश खाते या फोलियो चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान दोगुने होने की ओर हैं जबकि ईटीएफ में फोलियो पहले ही 37 प्रतिशत बढ़ चुके हैं, हालांकि दिसंबर के आंकड़े अभी बाकी हैं। नवंबर में समाप्त 11 महीनों के दौरान पैसिव निवेश खंड में प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 23 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऋण-जमा 11.5 फीसदी बढ़ा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 13 दिसंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है।