25,200 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
■ इससे बैंकों को वृद्धि की जरूरतों और न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का पालन करने में भी मिलेगी मदद
■ चालू वित्त वर्ष में क्यूआईपी के जरिये बैंकों ने जुटाए हैं 8,500 करोड़ रुपये
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने चालू वित्त वर्ष में इक्विटी बाजार से 25,200 करोड़ रुपये जुटाने के लिए वित्त मंत्रालय से मंजूरी हासिल की है। मंजूरी से संबंधित आंतरिक दस्तावेज को बिज़नेस स्टैंडर्ड ने देखा है। इस कदम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अपनी वृद्धि के लिए पूंजी की जरूरतें तथा 25 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता की नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
This story is from the November 28, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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एनबीएफसी का नियामकों से करीबी समन्वय जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का वित्तीय नियामकों के साथ करीबी समन्वय स्थापित किए जाने की जरूरत है।
सी-पेस के तहत कंपनियों की निकासी में आई तेजी, लग रहे 70 से 90 दिन
चालू वित्त वर्ष में इस साल 15 नवंबर तक सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सीलेरेटेड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पेस) के तहत कुल 11,855 कंपनियों को हटा दिया गया है।
इक्विटी के जरिये रकम जुटाएंगे बैंक
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकारी बैंकों को इक्विटी पूंजी जुटाने की मिली मंजूरी
प्रतिभाओं को आकर्षित करने में कर्नाटक अव्वल
भारत के सिर्फ नौ राज्य ही नेट टैलेंट पॉजिटिव यानी प्रतिभा के लिहाज से धनात्मक राज्य हैं और इनमें से कर्नाटक शीर्ष राज्य के तौर पर उभरा है जहां सबसे ज्यादा पॉजिटिव टैलेंट बेस है।
संसद के दोनों सदन दूसरे दिन भी बाधित
अदाणी मामले, मणिपुर समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का भारी हंगामा, जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा
मुख्यमंत्री की दौड़ से पीछे हटे शिंदे
आखिरकार एकनाथ शिंदे मान गए। इसी के साथ महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
शहरों को तैयार करने की दूरदर्शी योजना बने
शहर सिर्फ इमारतों का एक समूह नहीं है। शहर वास्तव में सामाजिक व्यवस्थाओं, सेवाओं, इमारतों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का गतिशील नेटवर्क होता है।
वित्तीय बाजार में प्रतिफल की चौथाई सदी
भारत ने विगत 25 वर्षों में जहां बेहतरीन वास्तविक रिटर्न दिया है, वहीं उच्च मूल्यांकन के कारण इसका टिकाऊ बने रहना मुश्किल प्रतीत होता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश
अमेरिकी जांच पर खुलासा अनिवार्य नहीं
अदाणी समूह की कंपनियों ने अमेरिकी एजेंसियों की जांच से जुड़े खुलासे के संबंध में शेयर बाजारों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब दिया है।
अपतटीय खनन की आज पहली नीलामी
भारत और फ्रांस के बीच पांच क्षेत्रों में सहयोग की अपील