उत्तर प्रदेश सरकार ने 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के समझौता पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। क्या प्रदेश में इतने उद्योग लगाने के लिए पर्याप्त जमीन मौजूद है?
उत्तर प्रदेश में मिला-जुलाकर बहुत बड़ा लैंड बैंक है, जिसे विभिन्न औद्योगिक प्राधिकरण संभालते हैं। 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के समझौतों पर दस्तखत कर चुके निवेशकों का ध्यान रखने और उन्हें प्रदेश में लाने के लिए उसमें काफी जमीन है। इन प्राधिकरणों के पास हजारों औद्योगिक प्लॉटों के साथ 1 लाख एकड़ से भी ज्यादा जमीन है। इस जमीन में से करीब 50 फीसदी हिस्सा तो यूपीसीडा के ही पास है। इसके जरिये राज्य की औद्योगिक मांग अच्छी तरह से पूरी की जा सकती है। हम लैंड बैंक को बढ़ाने के लिए तमाम उपाय भी करते रहते हैं। इस विस्तार के लिए और प्रशासनिक बाधाएं कम करने के लिए नीतियों को दुरुस्त बनाने के मकसद से भी हम काम कर रहे हैं। इस तरह हम पक्का करना चाहते हैं कि भूमि अधिग्रहण किसी भी उद्योग के लिए बाधा न बने।
राज्य में फिलहाल भूमि बैंक की क्या स्थिति है?
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