प्रिय दीपी (दीपेंद्र गोयल),
मेरे एक दोस्त ने अपना स्टार्टअप बेच दिया और वह सोशल मीडिया पर एक बेहद संवेदनशील विषय पर बात करते-करते एन्फ्लुएंसर बन गया। उसने महज 17 महीनों में इंस्टाग्राम पर दस लाख फॉलोअर जुटा लिए। उसका कहना है कि कुछ स्टंट यानी ‘तिकड़मबाजी’ करके लोगों का ध्यान आकर्षित (यानी अधिक फॉलोअर) किया जा सकता है। दुर्भाग्यवश, लगता है यह बात बहुत दूर तक पहुंच गई है, और कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अब समस्याओं को हल करने की बजाय, नए-नए स्टंट करने के तरीके ढूंढ़ रहे हैं।
हालांकि, मेरा दोस्त भी मानता है कि नौकरी वाला आपका पोस्ट एक अच्छा आइडिया था। 20 लाख रुपये में हम कई संभावनाएं तलाश सकते हैं जैसे आपके पास खूब सीखने को मिलेगा और आपको ऐसा अनुभव मिलेगा जो कोई भी बिजनेस स्कूल नहीं दे सकता है।
आइए चंद सेकंड हम इस बात पर गौर करते हैं कि हमारे स्कूलों और कॉलेजों से लोग क्या सीखकर निकल रहे हैं। नौकरी देने वाली कंपनियों के लोग इन छात्रों की गुणवत्ता के स्तर को देखकर हैरान रह जाते हैं और वे छात्रों की इस भीड़ के लिए कई तरह के नाम दे देते हैं जिनमें से ‘अनएम्प्लॉयबल यानी नौकरी के लायक नहीं’ एक ऐसा शब्द है जिसे इस अखबार में लिखा जा सकता है।
यहां कुछ छात्र अच्छे भी हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में एक उल्लेखनीय बात निकल कर आई कि कॉलेज से निकलने वाले हर दो स्नातकों में से एक नौकरी दिए जाने के लायक नहीं होता है। आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने भी वीर सांघवी को एक साक्षात्कार में बताया कि लगभग 1.9 करोड़ लोग रेलवे की 60,000 नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं और पीएचडी करने वाले लोग भी चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन करने पर मजबूर हैं।
This story is from the December 04, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the December 04, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
रेलवे में हर तरफ हो रहा आमूलचूल बदलाव: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह समय दूर नहीं जब देश में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। मोदी ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, ट्रेनों में आधुनिक सुविधाएं, देश के सभी हिस्सों में संपर्क को बढ़ावा और रोजगार व उद्योग को समर्थन देना आदि रेल क्षेत्र में विकास के चार मानकों पर काम कर रही है।
दिल्ली में महिलाओं को 2500 रुपये देगी कांग्रेस
कांग्रेस ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को \"प्यारी दीदी योजना\" की घोषणा की, जिसके तहत उसने सत्ता में आने पर राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
असैन्य परमाणु करार पर काम जारी
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलिवन से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर
बिहार : परीक्षाओं में पारदर्शिता सवालों के घेरे में
बिहार की राजधानी पटना के बापू परीक्षा परिसर में 13 दिसंबर को शुभम कुमार (नाम परिवर्तित) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीसीई) दे रहे थे।
वर्ष 2025 के लिए तीन तमन्नाएँ
उद्योग जगत को तकनीक और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में निवेश करना चाहिए। आर्थिक नीति को ढांचागत बदलावों और उत्पादकता पर ध्यान देना चाहिए तथा विचारों की राजनीति होनी चाहिए। बता रहे हैं नौशाद फोर्ब्स
हिचकोले खाती भारत की आर्थिक वृद्धि की गाड़ी
नवंबर के शुरू में मैंने अपने एक आलेख में जिक्र किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमान के मुताबिक ही बिना उत्साह आगे बढ़ रही है।
स्थिर यील्ड का बैंकों के लाभ पर पड़ेगा असर
चालू वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान बैंकों की ट्रेजरी आय कम रहने की संभावना है, क्योंकि तिमाही के अंत में बेंचमार्क यील्ड में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है।
रोजगार, वृद्धि और मांग पर खास ध्यान
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को विभिन्न हिस्सेदारों के साथ नवें दौर की बजट पूर्व चर्चा पूरी कर ली है। मंत्रालय को खपत बढ़ाने, रोजगार बढ़ाने, व्यक्तिगत से लेकर एमएसएमई तक को कर छूट और कई तरह के सुधार के सुझाव मिले हैं।
बैंकों से बुनियादी ढांचे को मिले ज्यादा धन
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुझाव दिया है कि वे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को धन मुहैया करने में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। मंत्रालय के अनुसार विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह महत्त्वपूर्ण है।
लार्जकैप का कटऑफ बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये के पार
पिछले छह महीने में सबसे ज्यादा औसत बाजार पूंजीकरण वाली 100 अग्रणी कंपनियों को लार्जकैप के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है