बैंकरों और उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि इसके अतिरिक्त सीआरआर कटौती से बैंकों के मार्जिन और परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) में वृद्धि होने की संभावना है जिससे उनके समग्र वित्तीय प्रदर्शन को मदद मिलेगी।
शुक्रवार को आरबीआई की छह सदस्यीय दर निर्धारण समिति ने रीपो दर को लगातार ग्यारहवीं बैठक में अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। उसने बैंकों के लिए सीआरआर को शुद्ध मांग और समयबद्ध देनदारियों की 4.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया। यह कटौती 14 दिसंबर और 28 दिसंबर से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी होगी और 25-25 आधार अंकों की समान किस्तों में होगी। इस कटौती से सीआरआर 4 फीसदी पर बहाल हो जाएगा जो अप्रैल 2022 में नीतियों में सख्ती का चक्र शुरू होने से पहले थी।
फेडरल बैंक के कार्यकारी निदेशक हर्ष दुगार ने कहा कि यह कदम सीधे तौर पर सख्त नकदी और बढ़ी हुई जमा लागत की दोहरी चुनौतियों को हल करता है जिसकी वजह से ऋण वृद्धि में बाधा आ रही है। सीआरआर कटौती से न केवल फंडिंग लागत कम होगी बल्कि बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत ऋण वृद्धि को बनाए रखने और अर्थव्यवस्था के पूंजीगत व्यय चक्र को सहारा देने में मदद करेगी।
This story is from the December 07, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the December 07, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
सीएलएसए ने शुरू किया स्विगी का कवरेज, कंपनी का शेयर चढ़ा
मंगलवार को शुरुआती कारोबार में स्विगी के शेयरों में 5.6 फीसदी तक की उछाल आई और बीएसई पर इंट्राडे में यह 567.8 रुपये प्रति शेयर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
दावा न की गई परिसंपत्तियों के लिए डिजिलॉकर के उपयोग का प्रस्ताव
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मृत निवेशकों की परिसंपत्तियों पर दावा करने की प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने का प्रस्ताव किया है।
कई मुद्दों पर रुख का बेसब्री से इंतजार
वृद्धि और महंगाई के दो राहे पर क्या प्राथमिकता
मजबूत वृद्धि जारी रखेगा भारत
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वित्त वर्ष 2025 में मजबूत वृद्धि का अनुमान जताया है।
रिजर्व बैंक और सरकार में थे सबसे अच्छे संबंध : दास
भारतीय रिजर्व बैंक के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच संबंध विकसित होने पर बातचीत की।
निवेश से निकलने का क्या है सही वक्त
किसी भी निवेश से सही समय पर बाहर निकलना निवेशकों के लिए यह महत्त्वपूर्ण निर्णय माना जाता है क्योंकि यह उनकी आर्थिक स्थिति पर असर कर सकता है।
पर्यटन के लिए अच्छी सड़कें जरूरी : गडकरी
राइजिंग राजस्थान निवेश सम्मेलन
गूगल में खोजे गए आईपीएल से लेकर आम का अचार
यह साल का वह वक्त है जब हर कोई पीछे मुड़कर देखना चाहता है। सर्च इंजन गूगल इस साल भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा सबसे ज्यादा सर्च किए गए विषयों की सूची लेकर आया है।
ममता के पक्ष में 'इंडिया' के घटक दल
इंडिया गठबंधन का नेतृत्व सौंपे जाने की ममता की मांग को शरद पवार, अखिलेश, संजय राउत और लालू का समर्थन
कैसे तैयार होंगे वृद्धि के नए दौर के हालात
देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के पिछले तमाम दौर पर नजर डालते हुए यह भी देखना होगा कि हम वृद्धि के अगले दौर के लिए जमीन कैसे तैयार कर सकते हैं।