आपके वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब ने इस साल के आरंभ में कहा था कि भारत में आय असमानता ब्रिटिश दौर से भी खराब स्थिति में है। तो क्या भारत में गरीबों की स्थिति औपनिवेशिक दौर से भी खराब है?
नहीं, इसका मतलब ऐसा नहीं है। भारत में लोगों की औसत आय और औसत धन-दौलत में औपनिवेशिक दौर के बाद काफी इजाफा हुआ है। मगर हमारे कहने का तात्पर्य यह है कि हम कम असमानता के साथ और बेहतर कर सकते हैं। आज भारत में वृद्धि के लिए असमानता का मौजूदा स्तर आवश्यक नहीं है क्योंकि भारत कम असमानता के साथ विकास कर सकता है। और गरीबी को तेजी से कम कर सकता है।
भारत के लिए असमानता का स्वीकार्य स्तर क्या है?
यूरोप में यह (शीर्ष 10 फीसदी आय हिस्सेदारी) 25 से 30 फीसदी होगा। यहां तक कि अमेरिका में भी यह शायद 40 से 50 फीसदी होगा जो यूरोप के मुकाबले अधिक असमान है। चीन में यह 40 फीसदी और भारत के लिए 30 से 40 फीसदी होगा। मगर भारत में फिलहाल यह आंकड़ा 55 से 60 फीसदी है। मैं इतना कहना चाहता हूं कि नए सिरे से वितरण करने और असमानता को कम करने की गुंजाइश मौजूद है।
इस असमानता की क्या वजहें हैं? क्या यह नीतियों से प्रेरित है?
This story is from the December 14, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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युवा विश्व चैंपियन गुकेश को चाहिए मजबूत सलाहकार
सोशल मीडिया पर इस समय केश डोम्माराजू की धूम है। चेन्नई के इस 18 वर्षीय नौजवान ने हाल ही में सबसे युवा शतरंज विश्व चैंपियन बनकर अपने बचपन का सपना पूरा किया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि उनकी इस कामयाबी का लाभ उठाने की कोशिश न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक ब्रांड भी करेंगे।
अल्लू अर्जुन हिरासत में, जमानत पर छूटे
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने फिल्म 'पुष्पा 2' के प्रदर्शन के दौरान महिला की मौत मामले में तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन को शुक्रवार को चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी।
भारत में अधिक वृद्धि के साथ तेजी से घटेगी गरीबी
फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी आर्थिक असमानता, धन वितरण और पूंजीवाद पर अपने अभूतपूर्व शोध के लिए जाने जाते हैं। वह पेरिस स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के प्रोफेसर और वहां वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब (डब्ल्यूआईएल) एवं वर्ल्ड इनइक्वैलिटी डेटाबेस (डब्ल्यूआईडी) के सह-संस्थापक भी रहे हैं। पिकेटी के शोध ने वैश्विक स्तर पर एक नई बहस की शुरुआत की है और इस प्रकार वह आर्थिक समानता एवं सार्वजनिक नीति संबंधी चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। पिकेटी ने अपनी भारत यात्रा के दौरान रुचिका चित्रवंशी और असित रंजन मिश्र से विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंशः
'सहायक' ऐप करेगा महाकुंभ में सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर कुंभ ‘सहायक’ चैटबॉट की शुरुआत की।
चेन्नई से चांद तक: 108 लड़कियों का चंद्र अभियान
अक्सर कहा जाता है कि आकाश ही सीमा है लेकिन अगर चेन्नई की स्पेस स्टार्टअप स्पेस किड्ज इंडिया की योजना हकीकत में बदलती है तो 108 देशों की करीब इतनी ही छात्राओं के लिए यह सीमा आकाश से परे चांद की सतह तक विस्तारित हो सकती है।
आरोपों में उलझी 'संविधान' पर चर्चा
राजनाथ ने की संविधान पर चर्चा की शुरुआत, प्रियंका ने साधा सरकार पर निशाना
मांग और आपूर्ति में विसंगति
देश के शहरों में किफायती आवास की स्थिति बदतर होती जा रही है। हाल के वर्षों में किफायती श्रेणी के मकानों की मांग काफी कम हुई है क्योंकि इनका संभावित खरीदार वर्ग महामारी से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसके अलावा आवास ऋण की ब्याज दरों और आवासीय कीमतों में भारी इजाफे ने भी कम आय वाले परिवारों के लिए हालात मुश्किल बना दिए हैं। यही वजह है कि किफायती आवास की बिक्री में हाल के वर्षो में उल्लेखनीय कमी आई है।
अमेरिकी बाजारों में तेजी और बाकी दुनिया
विश्व के अन्य देशों और बाजारों के मुकाबले अमेरिकी शेयरों में तेजी का दौर लगातार चलता आ रहा है, परंतु कभी न कभी तो यह स्थिति बदलेगी। बता रहे हैं आकाश प्रकाश
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अमेरिका के न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और छह अन्य लोगों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारत में अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी और इस बात को अमेरिकी निवेशकों से छिपाया। इन आरोपों से इनकार किया गया है और कहा गया है कि रिश्वत देने के प्रमाण ही नहीं हैं।
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25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद - समग्र मुद्रास्फीति 5.48 फीसदी के स्तर पर आ गई है, खाद्य कीमतों में कमी व अन्य कारकों से संभव हुआ है