अर्थव्यवस्था दमदार
■ भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और उसके जीडीपी का आकार 3.6 लाख करोड़ डॉलर है वैश्विक वित्तीय संकट और कोविड महामारी के दौरान भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही
■ वित्तीय समेकन व डिजिटलीकरण के मोर्चे पर हमारा देश एक प्रमुख उदाहरण बनकर उभरा है
वर्ष 2000 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) करीब 468 अरब डॉलर था। महज सात वर्ष बाद यानी 2007 में यह एक लाख करोड़ डॉलर और इसके सात साल बाद दो लाख करोड़ डॉलर हो गया।
अब 2024 में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और उसके जीडीपी का आकार 3.6 लाख करोड़ डॉलर है। अब उसका लक्ष्य 20272028 तक पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का है।
देश का पिछले 25 सालों का सफर ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता और वस्तु एवं सेवा कर जैसे अहम सुधारों से भरा रहा है। वैश्विक वित्तीय संकट और कोविड महामारी के दौरान भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। इन बातों ने भी देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल किया है। इन सालों के दौरान हमारा देश वित्तीय समेकन का एक प्रमुख उदाहरण बनकर उभरा है। अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है। उदाहरण के लिए यूपीआई बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हुआ है। जैसा कि जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि यह डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना में एक "ऊंची छलांग" की तरह है। यह सफर कतई आसान नहीं रहा है।
विगत 25 साल में भारत को 2008 के वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। उसी साल के अंत में देश की वित्तीय राजधानी पर हमला हुआ। उसके बाद 2016 में देश की करीब 86 फीसदी मुद्रा की रातोरात नोटबंदी कर दी गई। इन बाधाओं के बावजूद कई लाभ सामने आए। अब दुनिया बेहद रुचि के साथ भारत की ओर देख रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को अन्यथा धूमिल वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकदार जगह बताया है। अगर भारत को इस गति को बरकरार रखना है और विकसित देश बनने का अपना लक्ष्य हासिल करना है तो काफी कुछ और करना होगा। अर्थशास्त्री कहते हैं कि इसके लिए निरंतर सात फीसदी या उससे अधिक की जीडीपी वृद्धि दर जारी रखनी होगी।
This story is from the December 25, 2024 edition of Business Standard - Hindi.
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केन-बेतवा रिवर लिंक का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में एक समारोह के दौरान केन-बेतवा रिवर लिंक परियोजना का शिलान्यास किया।
आप सरकार की योजनाओं से अधिकारियों ने बनाई दूरी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा हाल में घोषित दो प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं पर सियासी बवाल मच गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष आवास बाजार का बढ़ता दायरा
भारत में संपन्न वरिष्ठ नागरिकों की आबादी की तादाद अच्छी खासी है जो रिटायरमेंट के बाद जिंदगी को बेहतर और स्वतंत्र तरीके से बिताना चाहते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कारोबार के लिए अच्छी संभावनाएं बन रही हैं।
प्रौद्योगिकी से बुजुर्गों की देखभाल
भारत की बढ़ती आबादी के साथ परिवारों और स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए बुजुर्गों की देखभाल जरूरी होती जा रही है।
2024 में बदल गई दुनिया की तस्वीर
वर्ष 2024 पूरी दुनिया के लिए उठापटक भरा रहा है। अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के सनसनीखेज चुनाव अभियान और राष्ट्रपति पद पर दोबारा निर्वाचन, पश्चिम एशिया में हमलों और जवाबी हमलों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों के दरम्यान वैश्विक संबंधों की दिशा और दशा दोनों ही बदल गई। देशों की कूटनीतिक ताकत कसौटी पर कसी गई और दुनिया एक नए इतिहास की साक्षी बन गई।
स्थिरता के साथ कैसे हासिल हो वृद्धि?
वर्ष 2025 में ऐसी वृहद नीतियों की आवश्यकता होगी जो घरेलू मांग को सहारा तो दें मगर वृहद वित्तीय स्थिरता के सामने मौजूद जोखिमों से समझौता बिल्कुल नहीं करें। बता रही हैं सोनल वर्मा
विकास और वनीकरण में हो बेहतर संतुलन
टाइम्स ऑफ इंडिया के दिल्ली संस्करण में 3 दिसंबर 2024 को छपी एक खबर में कहा गया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच की एक रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया था कि भारत में सन 2000 से अब तक लगभग 23 लाख हेक्टेयर वन नष्ट हो गए।
ड्रिप सिंचाई बढ़ाने के लिए 500 करोड़ के पैकेज की मांग
भारत में 67 प्रतिशत कपास का उत्पादन वर्षा पर निर्भर इलाकों में होता है
अक्टूबर में नई औपचारिक भर्तियां 21 प्रतिशत घटीं
अक्टूबर में ईपीएफ में नए मासिक सबस्क्राइबरों की संख्या मासिक आधार पर 20.8 प्रतिशत घटकर 7 माह के निचले स्तर 7,50,000 पर पहुंच गई है, जो सितंबर में 9,47,000 थी
ग्रीन स्टील खरीद के लिए संगठन नहीं
इस्पात मंत्रालय के ग्रीन स्टील (हरित इस्पात) की थोक खरीद के लिए केंद्रीय संगठन स्थापित करने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है।