एआई के दौर में मानवीय संवेदनाओं का महत्त्व
Business Standard - Hindi|December 27, 2024
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मानव से निर्देश लेने के बजाय स्वयं अपनी दिशा तय करने लगी है। जानकारी खोजने की आजादी से अब यह निर्णय लेने की आजादी तक पहुँच रही है। महज दो साल पहले आया चैटजीपीटी प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने में आसान है, बात कर सकता है और प्रश्नों के उत्तर दे सकता है।
अरुण मायरा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मानव से निर्देश लेने के बजाय स्वयं अपनी दिशा तय करने लगी है। जानकारी खोजने की आजादी से अब यह निर्णय लेने की आजादी तक पहुँच रही है। महज दो साल पहले आया चैटजीपीटी प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने में आसान है, बात कर सकता है और प्रश्नों के उत्तर दे सकता है। अब यह गूगल की खोज यानी सर्च करने की क्षमता से काफी आगे निकल गया है। दवा, वित्त और युद्ध कौशल जैसे कई क्षेत्रों में कई ताकतवर 'एआई एजेंट्स' उभरे हैं, जिन्हें काम करने के लिए मानवीय मदद की ज़रूरत ही नहीं है। ये एजेंट शब्द, छवि, सेंसर आदि से आसपास का माहौल भांप लेते हैं, सूचना का विश्लेषण करते हैं और तय उद्देश्य के मुताबिक निर्णय लेते हैं। इससे कुछ नैतिक प्रश्न खड़े हो गए हैं। ये एआई एजेंट अपने लक्ष्य कैसे तय करते हैं? उन्हें किन बातों की परवाह होती है? जब ये तकनीक मानव जाति के जीवन की दिशा तय करने लगेगी तो मानव का जीवन कैसा हो जाएगा? हो सकता है कि दुनिया अधिक क्षमता के साथ चले मगर क्या न्याय होगा और एक-दूसरे की फ़िक्र रह जाएगी?

यह पहला मौका नहीं है, जब जीवन आसान बनाने के लिए मानव ने ऐसी तकनीकें ईजाद की हैं। 17वीं सदी में कानूनी जामा पहनने वाला पूँजीवादी कारोबारी संस्थान समाज का आर्टिफिशियल नागरिक है, जिसे मानवों की ही तरह संपत्ति रखने, बोलने की स्वतंत्रता और अन्य नागरिकों (मानव तथा अन्य कंपनियाँ) पर मुकदमे करने का अधिकार दिया गया है। लिमिटेड लायबिलिटी कॉरपोरेशन भी कानून द्वारा गढ़ा गया स्वार्थी नागरिक है, जिसे निवेशकों को कम से कम जिम्मेदारी के साथ प्राकृतिक एवं मानव संसाधनों का जमकर शोषण करने देने के लिए बनाया गया है। कंपनियाँ आरोप लगाती हैं कि पर्यावरण और श्रम से जुड़े कानून कारोबारी सुगमता और मुनाफ़े में अड़चन बन रहे हैं। 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम प्रशासन' का उनका विचार असल में सबके निजीकरण का विचार है, जिसमें कंपनियाँ और नागरिक होड़ करेंगे और सबकी डोर 'बाज़ार के अदृश्य हाथ' में होगी।

This story is from the December 27, 2024 edition of Business Standard - Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the December 27, 2024 edition of Business Standard - Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM BUSINESS STANDARD - HINDIView All
टैक्सी यूजर ने की डार्क पैटर्न की शिकायत
Business Standard - Hindi

टैक्सी यूजर ने की डार्क पैटर्न की शिकायत

लोकल सर्कल्स का सर्वेक्षण

time-read
1 min  |
December 28, 2024
खिलौनों से इलेक्ट्रॉनिकी तक 10 मिनट में
Business Standard - Hindi

खिलौनों से इलेक्ट्रॉनिकी तक 10 मिनट में

इस साल भारतीयों का सुविधा और तुरंत डिलिवरी के लिए प्यार बढ़ गया है और उपभोक्ताओं ने किराना के सामान के अलावा मेकअप और खिलौनों से लेकर वैक्यूम क्लीनर तक का ऑर्डर क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म से किया।

time-read
3 mins  |
December 28, 2024
विश्व के नेताओं ने दी मनमोहन को श्रद्धांजलि
Business Standard - Hindi

विश्व के नेताओं ने दी मनमोहन को श्रद्धांजलि

देश के उद्योग जगत के दिग्गजों ने भी जताया शोक, उनके योगदान को किया याद

time-read
2 mins  |
December 28, 2024
भारत के वाहन उद्योग की बदली तस्वीर
Business Standard - Hindi

भारत के वाहन उद्योग की बदली तस्वीर

भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ा दांव खेलने वाले ओसामु सुजूकी हमेशा किए जाएंगे याद

time-read
2 mins  |
December 28, 2024
चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रमुख जिंसों का निर्यात 5 फीसदी बढ़ा
Business Standard - Hindi

चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रमुख जिंसों का निर्यात 5 फीसदी बढ़ा

भारतीय कमोडिटी के निर्यात में अब तेजी देखी जाने लगी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में कुल कमोडिटी निर्यात में करीब है। कुछ गैर 5 फीसदी इजाफा हुआ बासमती चावल पर लगे प्रतिबंध से पहले कुल कमोडिटी निर्यात में सुस्ती देखी जा रही थी।

time-read
2 mins  |
December 28, 2024
अपतटीय खनिज नीलामी की राह में कई चुनौतियाँ
Business Standard - Hindi

अपतटीय खनिज नीलामी की राह में कई चुनौतियाँ

कुल 13 ब्लॉकों में से गुजरात के तट के पास लाइम स्टोन के तीन जी3 ब्लॉकों में अनुमानित 171.2 करोड़ टन संसाधन मौजूद

time-read
1 min  |
December 28, 2024
सरकारी कंपनियों का सीएसआर पर खर्च 4 साल के उच्च स्तर पर
Business Standard - Hindi

सरकारी कंपनियों का सीएसआर पर खर्च 4 साल के उच्च स्तर पर

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है।

time-read
1 min  |
December 28, 2024
आगाज पर चमके 5 कंपनियों के शेयर
Business Standard - Hindi

आगाज पर चमके 5 कंपनियों के शेयर

शेयरधारकों को सूचीबद्धता पर 18 फीसदी से लेकर 159 फीसदी तक का फायदा हुआ

time-read
1 min  |
December 28, 2024
ईटीएफ, इंडेक्स फंड फोलियो बढ़े
Business Standard - Hindi

ईटीएफ, इंडेक्स फंड फोलियो बढ़े

इंडेक्स फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 2024 में निवेश खातों में शानदार इजाफा दर्ज किया है। सेक्टोरल और थीमेटिक निवेश के प्रति उत्साह बढ़ने से इन फोलियो में तेजी देखने को मिली। इंडेक्स फंडों में निवेश खाते या फोलियो चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान दोगुने होने की ओर हैं जबकि ईटीएफ में फोलियो पहले ही 37 प्रतिशत बढ़ चुके हैं, हालांकि दिसंबर के आंकड़े अभी बाकी हैं। नवंबर में समाप्त 11 महीनों के दौरान पैसिव निवेश खंड में प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 23 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गईं।

time-read
2 mins  |
December 28, 2024
दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऋण-जमा 11.5 फीसदी बढ़ा
Business Standard - Hindi

दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऋण-जमा 11.5 फीसदी बढ़ा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 13 दिसंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है।

time-read
2 mins  |
December 28, 2024